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अमानक चावल सप्लाई करने वाले 26 मिलर्स के नाम उजागर

सिंडीकेट का टूटा भ्रम, आगे की कार्यवाही के लिए भोपाल को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क कटनी । राइस मिलर्स के द्वारा बनाए गए सिंडीकेट का भ्रम गुरुवार को तब टूट गया। जब अमानक चावल सप्लाई करने वाले 26 मिलर्स के नाम सामने आ गए। नॉन के प्रबंधक ने साफ कहा कि भोपाल से इस संबंध में अभिमत मांगा गया है। वहां से जैसे ही निर्देश मिलेंगे। उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। अमानक चावल के खेल को उजागर करने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका एफसीआई के टीम की रही। सितम्बर माह में जब प्रदेश स्तर में घटिया चावल का मामला उठा तो केन्द्रीय टीम ने यहां पर भी दबिश दी। जिसमें 28 जगहों से चावल के नमूने लिए गए। लैब रिपोर्ट में 26 नमूने फेल हो गए।
फेयर फूड सबसे आगे
वेयर हाउस के गोदामों तक अमानक चावल पहुंचाने के मामले मेें सूची में सबसे आगे फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड पडुआ का नाम रहा। 3220 क्विंटल चावल इस कंपनी का अमानक निकला। इसके बाद नटराज फूड प्रोडक्ट का नाम रहा। कंपनी ने 2900 क्विंटल अमानक चावल को गोदामों में जमा करा दिया था। प्रीतम राइस एण्ड दाल मिल का भी चावल दो जगहों पर अमानक निकला। मोरेश्वर राइस मिल कैमोर का भी दो गोदामों में अमानक चावल जमा रहा। यूनियन रोलर फ्लोर मिल का भी तीन गोदामों में अमानक चावल मिला है।
सूची में ये मिलर्स भी शामिल
सूची में और अन्य मिलर्स भी शामिल हैं। एस.गुलाबराय एण्ड संस, सतनाम इंडस्ट्रीज, विकास राइस मिल, बजरंग राइस मिल, महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज लमतरा,कृष्णा इंपेक्स, अग्रवाल राइस मिल बाकल, सुमन सत्य नारायण फूड लमतरा, रोहरा इंडस्ट्रीज, दोलतराम तखतमल शांति नगर, सियराम इन्डस्ट्रीज और बालाजी इंडस्ट्रीज झिंझरी का नाम अमानक चावल सप्लाई करने वालों की सूची में शामिल है।
20 हजार क्विंटल रखा था चावल
मिलर्स के नाम सामने आने पर अमानक चावल की मात्रा में से भी परदा उठ गया है। सीडब्लूसी और एसडब्लूसी के गोदामों में 40 हजार 20 बोरों में अमानक चावल रहा। यह मात्रा करीब 20 हजार क्विंटल रहा। जानकारों का कहना है कि यदि समय पर जांच नहीं हुई होती और वितरण पर रोक नहीं लगाई गई होती तो ये सभी चावल गरीबों को बांट दिए जाते।
जुगत में लगे मिलर्स, चले नया दांव
जैसे-जैसे चावल की जांच हुई। वैसे-वैसे मिलर्स नया दांव चलते रहे। पिछले वर्ष तक तो सामान्य रुप से धान की मिलिंग का कार्य होता रहा। लेकिन इस बार जब अमानक चावल निकला तो मिलर्स ने कहा कि उन्हें धान ही गुणवत्ताविहीन दिया गया है। कलेक्टर से शिकायत के बाद धान की जांच भी कराई जा चुकी है। हालांकि कितने जगहों पर धान अमानक स्तर का जमा रहा। इस पर से परदा उठना बाकी है।
इनका कहना है
अमानक चावल मिलने के मामले मेें संबंधित मिलर्स के ऊपर आगे की कार्यवाही को लेकर भोपाल के अधिकारियों से निर्देश मांगा गया है। निर्देश मिलने पर
आगे की कार्यवाही की जाएगी।
पीयूष माली, प्रबंधक
Created On :   9 Oct 2020 6:25 PM IST