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12 हजार प्रकरणों के लिए गठित होंगी 22 बेंच, नेशनल लोक अदालत 10 फरवरी को
डिजिटल डेस्क कटनी । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार 10 फरवरी को जिला एवं सत्र न्यायालय कटनी में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। पत्रकारवार्ता में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल मोहनिया ने नेशनल लोक अदालत की विस्तार से जानकारी दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में आपसी समझौता से दोनों पक्षों को न्याय प्राप्त होता है। राजीनामा होने से दोनों पक्षों में आपसी संबंध अच्छे बने रहते हैं। लोक अदालत के माध्यम से निपटाए गए मामलों का स्थायी निराकरण होकर उसकी कोई अपील नहीं होगी। दीवानी मामलों के निराकरण होने पर जमा कोट फीस नियमानुसार वापस होगी। लोक अदालत में निपटाए गए मामलों से पक्षकारों के समय एवं धन की विशेष बचत होगी।
नहीं रखे जाएंगे यह प्रकरण
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मोहनिया ने बताया कि लोक अदालत में ऐसे प्रकरण नहीं शामिल किए जाएंगे जो समझौता योग्य नहीं हैं। कंज्यूमर फोरम, किशोर न्याय बोर्ड के प्रकरण, दुरभि संधि द्वारा अनुचित माध्यम से किए गए अपराध से संबंधित प्रकरण नहीं रखे जाएंगे। ऐसे प्रकरणों व आवेदन पत्रों जो न्यायिक प्रकरण नहीं हैं, जैसे बीपीएल कार्ड, रक्तदान शिविर, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड एवं मनरेगा आदि के प्रकरण शामिल नहीं किए जाएंगे।
संपत्ति कर, जल कर, चैक बाउंस के प्रकरण निपटाए जाएंगे
श्री मोहनिया ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए 22 खण्डपीठों का गठन किया गया है। इस लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के लगभग 3913 प्रकरण एवं न्यायालयों के 8256 प्रकरणों को रखा जाना है। लोक अदालत में नगरपालिक निगम के प्रकरणों में सम्पत्तिकर, जलकर एवं विद्युत प्रकरणों में शासन से अधिक से अधिक छूट प्रदान की जाएगी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, प्री-लिटिगेशन प्रकरण, निगाशिएबल इंस्टूमेंट के अंतर्गत चैक बाउंस, पारिवारिक विवादों के प्रकरण,ग्राम न्यायालय, राजस्व न्यायालय तथा समस्त प्रकार के समझौता योग्य प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
Created On :   6 Feb 2018 2:02 PM IST