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फसल की पूरी जानकारी देगा देशी ड्रोन कैमरा -लागत कम करने उमरियापान के युवा छात्र की नई खोज
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी की कोशिश को नीति आयोग ने दी हरी झण्डी
डिजिटल डेस्क उमरियापान कटनी । ग्रामीण परिवेश और खेती-किसानी के बीच पला-बढ़ा युवा छात्र ने खेती में कम लागत और अधिक मुनाफा को लेकर जो सपना ड्रोन को लेकर सजाया हुआ था। उस सपने पर नीति आयोग ने हरी झण्डी दे दी है। इंदौर आईआईटी से बीटेक में अध्ययनरत छात्र अभय सिंह लोधी को यह मौका अटल इंवोशन सेंटर के माध्यम से मिली। यहां पर युवा छात्र के द्वारा ड्रोन फॉर फार्मर का प्रदर्शन किया। जिसे वैज्ञानिकों ने सराहा और इसे स्टार्टअप के तहत पॉयलट प्रोजेक्ट में शामिल किया। छात्र के इस कामयाबी पर जिले में हर्ष व्याप्त है।
दस हजार की लागत
ड्रोन में लगने वाले फ्लाइट कंट्रोलर, रिसीवर से लेकर ट्रांसमीटर, स्कैनर व मोबाइल एप्लीकेशन भी छात्र ने स्वयं तैयार किये। जिससे इसकी लागत महज दस हजार रुपए ही आई। । इसके जरिए किसान खेती-किसानी से जुड़ी हुई समस्याओं की जानकारी अत्याधुनिक रोबोट्स और नवीनतम वैज्ञानिक निरीक्षण तकनीक द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। जिससे वे फसल में कम निवेश कर होने वाले खर्चे को मुनाफा में तब्दील कर सकेंगे और साथ ही फसल में होने वाली समस्याओं की जानकारी या उनकी पहचान उसके प्रारंभिक चरण में प्राप्त कर उसे नुकसान से बचा सकेगें।
पांच वर्ष की कोशिश
उमरियापान जैसे क्षेत्र में रहने के बाद युवा छात्र ने इस तरह से ड्रोन कैमरा बनाने की शुरुआत कक्षा आठवीं से ही कर दी। किसानी करने वाले छात्र के पिता ओमप्रकाश सिंह बताते हैं कि शुरुआती दौर से ही उनके बच्चे का शौक इंटरनेट और नई तकनीकी पर रहा। छात्र की माता प्रेमलता गृहिणी हैं और बहन अनामिका कॉलेज में अध्ययनरत है। वर्ष 2017 में सरस्वती स्कूल से हायर सेकेण्ड्री परीक्षा उत्र्तीण करने के बाद छात्र इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में जुट गया। साथ ही ड्रोन को भी बनाने में लगा रहा। घर में रहते हुए वह नई तकनीकी पर काम करता रहा। जिसके चलते वर्ष 2018 में मुंबई में आयोजित टेक फस्र्ट विज्ञान प्रदर्शनी में उसे अपना मॉडल दिखाने का मौका मिला। यह प्रदर्शनी मुंबई आईआईटी के द्वारा लगाई गई थी। जिसमें वैज्ञानिकों ने मॉडल को सराहते हुए छात्र का हौसला अफजाई किया।
रोजगार से जोडऩे की योजना
अभय सिंह ने बताया कि इसका प्रदर्शन फिलहाल इंदौर में किया जा रहा है। भविष्य में इस ड्रोन कैमरे को रोजगार से जोडऩे की योजना तैयार कर रखी है।
इसके लिए चिन्हित जगहों पर सेंटर बनाकर इस ड्रोन कैमरे को रखा जाएगा। यहां पर किसान किराए से ड्रोन कैमरे के माध्यम से अपने खेतों की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इंदौर मेें प्रदर्शन के दौरान एक किसान से महज दो सौ रुपए ही लिया जा रहा है। जिसमें किसान एक बार अपने संपूर्ण रकबे में लगाए गए फसल और मिट्टी की उर्वरता की जानकारी इस ड्रोन कैमरा से ले सकता है। सेंटर खुलने से कई युवाओं को इसमें रोजगार भी मिल सकेगा।
हर क्षेत्र में रहेगा फै्रंडिली यह ड्रोन कैमरा हर क्षेत्र में किसानों के लिए मददगार साबित होगा। खेतों में फसलों की निगरानी इसके माध्यम से किसान कर सकेंगे तो कीटों के आक्रमण की भी जानकारी उन्हें असानी से लग सकेगी। छात्र ने बताया कि इसमें स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया गया है। कैमरे से निकलने वाली किरणों के माध्यम से खेत का स्कैन होगा। इसे मोबाइल से कनेक्ट करते हुए मैप से जोड़ा गया है, ताकि हर जगह की फसलों और मिट्टी का बारीकी से जानकारी लग सके।
Created On :   23 Dec 2019 4:58 PM IST