स्त्री अस्मिता और अधिकार के संबंध में संतुलन की आवश्यकता- शुक्ल

Need for balance in relation to womens identity and rights - Shukla
स्त्री अस्मिता और अधिकार के संबंध में संतुलन की आवश्यकता- शुक्ल
वर्धा स्त्री अस्मिता और अधिकार के संबंध में संतुलन की आवश्यकता- शुक्ल

डिजिटल डेस्क, वर्धा. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के स्त्री अध्ययन विभाग एवं क्षेत्रीय केंद्र, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के भारतीय अर्थ-संदर्भ विषय पर आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि स्त्री अध्ययन कार्यक्रमों में स्त्री अस्मिता और अधिकार के विषयों में  संतुलन की आवश्यकता है । उन्होंने 1857 से लेकर 175 वर्षों के संघर्ष के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के संदर्भ में महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए पिछले संदर्भ को ध्यान में रखना आवश्यक प्रतीत होता है। आज़ादी के बाद संविधान, न्याय, स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देता है, परंतु वास्तव में महिलाओं को अभी भी इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है।  मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय स्त्री शक्ति,मुंबई की उपाध्यक्ष नयना सहस्त्रबुद्धे, प्रो. मेधा तापियावाला, कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, डॉ.ऋचा द्विवेदी, डॉ. सुप्रिया पाठक आदि उपस्थित थे। स्वागत वक्तव्य प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र के अकादमिक निदेशक प्रो. अखिलेश कुमार दुबे ने किया।  संचालन प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र की सहायक प्रोफेसर डॉ. आशा मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद सहायक प्रोफेसर डॉ. शरद जायसवाल ने ज्ञापित किया।  कार्यक्रम में डॉ. अवन्तिका शुक्ला, डॉ.अख्तर आलम, डॉ.हरप्रीत कौर, डॉ.विजया सिंह, डॉ.अनुराधा पाण्डेय, डॉ.अनूप कुमार, डॉ.विजय सिंह तथा अन्य अध्यापकगण, शोधार्थी तथा विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।

Created On :   10 March 2022 8:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story