अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत, डॉक्टरों पर लगा लेन-देन का आरोप

new born baby died due to doctor negligance
अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत, डॉक्टरों पर लगा लेन-देन का आरोप
अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत, डॉक्टरों पर लगा लेन-देन का आरोप

डिजिटल डेस्क उमरिया।  न्यू फजिलगंज निवासी अंकुश ताम्रकार अपनी पत्नी लता ताम्रकार को लेकर नौ माह की प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल लेकर आया था। नौ माह तक अलग-अलग गायनोलाजिस्ट की जांच उपरांत प्रसव होना था। जिला अस्पताल में पहुंचने पर एक महिला चिकित्सक ने जांच की। फिर सुधार न होने पर पीडि़त ने डॉ. बीके प्रजापति से संपर्क किया। डॉक्टर ने महिला की हालत देख कुछ जांच के लिए लिखा। साथ ही इलाज के लिए डॉक्टर ने पैसे की बात कहते हुए सिटी पैथालाजी वाले से जांच करने की सलाह दी। उल्लेखनयी है कि चंद रोज पहले प्रसव में सीजर के नाम पर कलेक्टर ने शिकायत पर महिला डॉक्टर व सहायक पर जांच के निर्देश दिये हैं। साथ ही एक निलंबित भी कर दिया है। इंदवार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जच्चा बच्चा की मौत से स्वास्थ्य विभाग उबरा भी न था कि हफ्तेभर के भीतर अस्पताल में दूसरी मौत हो गई है। चार दिन पहले प्रकरण के उजागर होने पर जांच में नर्स व डॉक्टर पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन दूर दराज तो दूर जिला मुख्यालय में इसका असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा। सीजर के चलते ऑपरेशन में देरी ने नवजात को दुनिया में आने से पहले ही रोक दिया।
प्रसूता वार्ड में घुसकर पुरूष पैथालाजिस्ट ने लिया सैम्पल
अंकुश ताम्रकार ने जिला प्रशासन से लगाये आरोपों के मुताबिक सिटी पैथालॉजी से जांच उपरांत महिला मरीजा को आपरेशन के लिए वार्ड में ले जाया गया। फिर खून की कमी बताकर वापस कर दिया गया। लेटलतीफी में एक दिन पहले ऑपरेशन नहीं हो पाया। तबियत बिगडऩे पर फिर बुधवार को सिटी पैथालॉजी मालिक वीरेन्द्र शर्मा प्रसूता वार्ड में घुसकर बिना परिजनों के सहमति ब्लड सैम्पल ले गया। पैसे के लेनदेन व बिना अनुमति सैम्पल लेने से आक्रोशित परिजनों की भनक लगने पर निजी पैथालाजी करने वाले संचालक ने जांच से मना कर दिया। इस बीच ऑपरेशन में देरी होती गई और आखिरकार बुधवार दोपहर प्रसव उपरांत नवजात की मौत हो गई।
काम कर रहा बड़ा नेटवर्क
मृतक के परिजनों ने मीडिया को दिये बयान में संस्थागत प्रसव के दौरान सीजर के नाम पर अवैध पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया है। पीडि़त अनुसार वार्ड में निजी पैथालॉजी से लेकर अन्य जांचकर्ताओं के अस्पताल में हर समय एजेंण्ट घूमते रहते हैं। शासकीय कर्मचारी से मिलकर गांव से आने वाले गरीबों को खून की कमी बताकर आपरेशन के नाम पर बाहर रैफर कर डराया जाता है। इस बीच पैसे लेकर अस्पताल में ही सीजर करवाया जाता है। इसके पूर्व चंद रोज पहले एक महिला डॉक्टर व उसकी सहायक पर आरोप लग चुके हैं।
इनका कहना है
अस्पताल में महिला के परिजनों द्वारा पैसे के लेनदेन व निजी क्लीनिक में जांच वीडियो वायरल हुआ है। मुझे अभी इसकी डिटेल नहीं है। मैं दिखवाता हूं।
डॉ. उमेश नामदेव, मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी।

 

Created On :   4 Jan 2018 2:00 PM IST

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