भोपाल में बढ़ते बाल शोषण के खिलाफ शुरू हुई एक महत्वपूर्ण पहल

new initiative starts in bhopal in the field of child protection
भोपाल में बढ़ते बाल शोषण के खिलाफ शुरू हुई एक महत्वपूर्ण पहल
भोपाल में बढ़ते बाल शोषण के खिलाफ शुरू हुई एक महत्वपूर्ण पहल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी में मासूम बच्चों के साथ होने वाली वारदातों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए आरम्भ संस्था और चाइल्ड लाइन के द्वारा इन मामलों में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इन संस्थाओं के अनुसार बच्चों के खिलाफ होने वाले कई अपराधों की जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है या उनकी रिपोर्टिंग नहीं हो पाती है। इसके पीछे कई वजह हैं। जानकारी का अभाव और अपराधी का भय ये वो वजहें होती हैं जिसकी वजह से बाल पीड़ित/पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाता।

समुदाय स्तर पर बात करें तो ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है, जिसकी मदद से बाल पीड़ित/पीड़िता को आवश्यक जानकारी मिल सके। हालांकि पुलिस स्टेशन सभी व्यक्तियों की पहुंच तक है, लेकिन यह भी सच है कि पीड़ित/पीड़िता पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट करने से कतराते हैं या फिर जाना उचित नहीं समझते। इस बात को ध्यान में रखते हुए आरम्भ संस्था के द्वारा समुदाय आधारित बाल सहायता डेस्क को शुरू किया गया।

पहला डेस्क
वार्ड 36 के अंतर्गत आने वाली बस्ती रोशन बाग धोबी घाट में सबसे पहले कल दिनांक 22 मई को इस डेस्क की स्थापना कि गई। बच्चों ने स्वयं इस डेस्क का उद्घाटन किया। 5 ऐसे और भी डेस्क की स्थापना इस वार्ड की बस्तियों में करने का लक्ष्य है।

बाल सहायता डेस्क का कार्य
इसका मुख्य काम होगा बाल शोषण के मामलों में जानकारी उपलब्ध करना और बाल पीड़ित/पीड़िता को चाइल्ड लाइन या पुलिस सेवा या अन्य जैसी जरूरत हो से जोड़ना।

समुदाय के किशोरों/युवाओं के द्वारा ही संचालित
इस डेस्क की खास बात ये होगी कि यह समुदाय के ही किशोरों/युवाओं के द्वारा संचालित होगी। इन किशोरों/युवाओं को बाल अधिकारों और बाल सुरक्षा कानूनों पर उनकी समझ के हिसाब से आरम्भ संस्था के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही इन्हें चाइल्ड लाइन, लोकल थाना, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी है। पूर्व में इन्होने बाल शोषण के प्रकरणों में एफआईआर भी दर्ज कराई है। कई बाल विवाह भी इन किशोरों/युवाओं ने रुकवाए हैं।

स्थानीय थाने को जानकारी
इस बाल सहायता डेस्क के बारे में स्थानीय थाना बजरिया पुलिस स्टेशन को भी सूचित किया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर पुलिस इस डेस्क की मदद कर सके।

डेस्क का असर
समुदाय स्तर पर संचालित होने पर यह बाल शोषण को रोकने में काफी प्रभावी साबित होगा। मामले की रिपोर्टिंग बढ़ेगी। ऐसे में बच्चों और आम लोगों में एक आत्मविश्वास आएगा और वे मामले की रिपोर्टिंग के लिए आगे आएंगे।

Created On :   26 May 2018 1:06 AM IST

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