पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : पद्मसिंह पाटील को मिली सिर्फ 2 गवाहों को बुलाने की इजाजत

Nimbalkar murder: Padmasinh Patil got permission to call only 2 witnesses
पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : पद्मसिंह पाटील को मिली सिर्फ 2 गवाहों को बुलाने की इजाजत
पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : पद्मसिंह पाटील को मिली सिर्फ 2 गवाहों को बुलाने की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवनराजे निंबालकर हत्याकांड के मामले में आरोपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व सांसद पद्मसिंह पाटील को झटका दिया हैं। पाटील इस मामले से जुड़े 20 गवाहों को गवाही के लिए बुलाना चाहते थे लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें सिर्फ दो गवाहों को बुलाने की अनुमति प्रदान की हैं। इससे पहले पिछले साल सीबीआई कोर्ट ने पाटील के इससे संबंधित आवेदन को खारिज कर दिया था। सीबीआई कोर्ट के इस आवेदन के खिलाफ पाटील ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति एनजे जमादार के सामने पाटील के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान पाटील की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता भूषण म्हाडिक ने कहा कि आरोपी को अपने बचाव में आवश्यक गवाहों को बुलाने का अवसर मिलना चाहिए ताकि वह प्रभावी ढंग से अपना बचाव कर सके। मेरे मुवक्किल ने 20 गवाहों को बुलाने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया था। आरोपी जिन गवाहों को बुलाना चाहता है वह प्रकरण को लेकर महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इनमे से कुछ गवाह उस समय मौजूद थे जब निंबालकर की हत्या की गई थी। इनका स्थानिय पुलिस ने बयान दर्ज किए थे। फिलहाल सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अंतिम पडाव पर हैं।   

20 गवाहों के लिए हाईकोर्ट से मांगी थी अनुमति

वहीं न्यायमूर्ति के सामने सीबीआई की ओर से पैरवी करनेवाले अधिवक्ता हितेन वेणेगांवकर ने पाटील के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता जिन गवाहों को गवाही के लिए बुलाना चाहते हैं वे अप्रासंगिक गवाह हैं। उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। अनावश्यक रुप से ऐसे गवाह बुलाने से मुकदमे की सुनवाई में विलंब होगा। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने पाटील के आवेदन को सिर्फ आंशिक रुप से स्वीकार किया और उन्हें सिर्फ दो गवाहों को बुलाने की अनुमति प्रदान की। न्यायमूर्ति के इस आदेश के बाद पाटील के वकील ने उनसे अपने आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। लेकिन न्यायमूर्ति ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि राजनीतिक रंजिश के चलते 3 जून 2006 को मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाइवे पर खपोली के निकट निंबालकर को उनकी कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाटील पर इस मामले की साजिश रचने का आरोप हैं। 
 

Created On :   6 March 2020 2:11 PM GMT

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