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ODF का सच ! पब्लिक टॉयलेट नहीं होने से महिलाएं और दिव्यांग परेशान
डिजिटल डेस्क कटनी। स्वच्छ भारत अभियान की कागजी और जमीनी हकीकत में खासा अंतर देखने मिल रहा है। देश के अन्य शहरों की तरह कटनी शहर भी इस सूची में शामिल है जहां स्वच्छता अभियान की अंधी दौड़ में कई सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है। नगर निगम प्रशासन का ध्यान इस ओर दिलाये जाने के बावजूद अब तक इस दिशा में नगर निगम द्वारा कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। जिनमें शहर में महिलाओं, बच्चों तथा दिव्यांगों के लिए पब्लिक टॉयलेट न होना प्रमुख है।
सार्वजनिक शौचालयों की भारी कमी
शहर में सार्वजनिक शौचालयों की भारी कमी लंबे समय से देखने मिल रही है। स्वच्छता सर्वे के बावजूद पिछले 2 वर्षों में नगर निगम द्वारा इस ओर कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए हैं। जिला अस्पताल, स्टेशन, गोलबाजार तथा बस स्टेंड को छोड़ दिया जाए तो शहर में सार्वजनिक शौचालय इक्कादुक्का जगह ही स्थापित है और इनका संचालन भी सही तरह से नहीं हो रहा। वहीं व्यस्ततम बाजारों में सार्वजनिक शौचालय की अनुपलब्धता के चलते लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं को हो रही परेशानी
बाजार में खरीददारी करने सहित अन्य कार्य के लिए आईं महिलाओं को सबसे अधिक समस्या तथा शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि बाजार में न तो सार्वजनिक शौचालय है और न ही महिलाओं के लिए स्पेशल टॉयलेट। लंबे समय से इसके लिए मांग की जा रही है तथा महापौर सहित निगम प्रशासन द्वारा जल्द ही इस दिशा में कदम उठाये जाने की बात की जा रही है, लेकिन अब तक कोई प्रयास नहीं किए गए।
दिव्यांगों तथा बच्चों के अनुकूल नहीं है पब्लिक टॉयलेट
वहीं दूसरी ओर शहर में एक भी पब्लिक टॉयलेट बच्चों तथा दिव्यांगों के अनुकूल नहीं है। जिससे बच्चों तथा विशेषकर दिव्यांगों को प्रसाधन के लिए खासी तकलीफ देह स्थिति से गुजरना पड़ता है। गौरतलब है कि देश के महानगरों सहित कई शहरों में दिव्यांगों तथा बच्चों के लिए पब्लिक टायलेट बनाये गए हैं लेकिन स्वच्छता सर्वे में देश में अव्वल बनने की दौड़ में शामिल नगर निगम द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है।
Created On :   1 Dec 2017 1:29 PM IST