पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर अमल नहीं, विधानसभा समिति ने की राज्य सरकार की खिंचाई

No implemention of recommendations of the Backward Classes Commission
पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर अमल नहीं, विधानसभा समिति ने की राज्य सरकार की खिंचाई
पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर अमल नहीं, विधानसभा समिति ने की राज्य सरकार की खिंचाई

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से गठित राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सालाना प्रतिवेदनों में की गई सिफारिशों पर पिछले अनेक वर्षों से अमल न करने पर, मप्र विधानसभा की पटल पर रखे गये पत्रों का परीक्षण करने संबंधी समिति ने राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की है। इस समिति ने हाल ही में सभी विधायकों को भेजी अपने पांचवें कार्यान्वयन प्रतिवेदन में कहा है कि आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन मय एक्शन टेकन रिपोर्ट के तैयार कराने में अत्यधिक समय लगाया जाना उचित नहीं है। यही नहीं समिति ने आयोग के प्रतिवेदनों को 11 वर्ष से अधिक विलम्ब से विधानसभा के पटल पर रखे जाने के कारण आयोग के कार्यकलापों पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। समिति ने यह भी टिप्पणी की कि देखने में आया है कि सबसे ज्यादा विलम्ब पिछड़ा वर्ग विभाग से ही हुआ है।

विधानसभा समिति की ताजा रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग आयोग का जवाब बताया गया है कि उसके सालाना प्रतिवेदनों में की गई सिफारिशों पर पालन प्रतिवेदन देने का काम राज्य शासन का है। इस पर समिति ने पिछड़ा वर्ग विभाग से कहा कि वर्ष 2013, 2014, 2015, 2016 और 2017 में स्तरण पत्र भेजे गये, परन्तु कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस पर विभागीय सचिव रमेश थेटे का रिपोर्ट में कथन बताया गया है कि उन्होंने विभाग में आये एक साल ही हुआ है, विलम्ब के लिये एक बार माफ किया जाये और इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि भविष्य में इस प्रकार का विलम्ब न हो।

रमेश थेटे ने यह भी कहा कि वर्ष 2016-17 और 2017-18 की जानकारी प्रदान करने में इसलिये देरी हुई क्योंकि आयोग का पुनर्गठन नहीं हुआ था, लेकिन 15 मई 2018 तक इसकी पूरी जानकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दी जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग की सिफारिशों पर पालन केबिनेट कमेटी करती है और इसके बाद ही पालन प्रतिवेदन विधानसभा को भेजे जाते हैं। समिति की रिपोर्ट के अंत में बताया गया है कि विभाग ने अपने कथरनानुसार 15 मई,2018 तक जानकारी प्रदान नहीं की और यही नहीं समिति की रिपोर्ट अनुमोदित किये जाने तक भी जानकारी नहीं भेजी गई।

इनका कहना है :
‘‘पिछड़ा वर्ग के आयोग के सालाना प्रतिवेदन मय एक्शन टेकन रिपोर्ट के विधानसभा अब तक नहीं भेजा गया है क्योंकि केबिनेट कमेटी ने अभी इसे एप्रूव नहीं किया है। एप्रूव होने के बाद ही इसे विधानसभा भेजा जायेगा। इसमें विलम्ब होने की बात सही है।’’
- रमेश थेटे, सचिव पिछड़ा वर्ग विभाग मप्र

Created On :   6 Sept 2018 1:31 PM IST

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