MP : अब बड़े एवं मध्यम बांधों से 20 प्रतिशत पानी छोड़ना होगा

Now 20 percent water will be released from the big and medium dams
MP : अब बड़े एवं मध्यम बांधों से 20 प्रतिशत पानी छोड़ना होगा
MP : अब बड़े एवं मध्यम बांधों से 20 प्रतिशत पानी छोड़ना होगा

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश के 22 बड़े और 47 मध्यम बांधों के जलाशय से अब राज्य सरकार को 15 से 20 प्रतिशत पानी निरन्तर छोड़ा होगा। ऐसा नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर हुआ है। इससे निचले स्तर के नदी-नलाों में रहने वाले जलीया प्राणियों एवं वनस्पतियों को बचाय जा सकेगा।

गौरतलब है कि हर साल मानसून के बाद बांधों से डाउनस्ट्रीम जलाशयों के लिए करीब 10 प्रतिशत पानी का निरन्तर छोड़ा जाता है। इसे अंग्रेजी में लीन सीजन फ्लो कहा जाता है। यह पानी इकोलाजिकल एवं इन्वायरमेंटल परपज के लिए छोड़ा जाता है। इसके लिए केंद्रीय जल आयोग की गाईडलाईन्स भी हैं, लेकिन हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने पुष्प सैनी विरुध्द केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तथा अन्य के मामले में आदेश दिया है कि वृह्द एवं मध्यम बांधों के जलायाशों से डाउनस्ट्राम जलायशयों के लिए मानसून के बाद न्यूनतम 15 प्रतिशत तथा अधिकतम 20 प्रतिशत लीन सीजन फ्लो बनाकर रखा जाए।

एनजीटी के इस आदेश पर मप्र सरकार ने अमल करते हुए 15 से 20 प्रतिशत का फ्लो बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि जिन बांधों से 20 प्रतिशत से अधिक पानी छोड़ा जाना है, उसके प्रस्ताव उचित कारण बताते हुए जल संसाधन विभाग की बोधी विंग को भेजे जाएं। बोधी विंग इस पर निर्णय लेकर अनुमति देगा।

 भोपाल बोधी जल संसाधन चीफ इंजीनियर भरत गोसावी का कहना है कि बड़े एवं मध्यम बांधों के डाउनस्ट्रीम जलाशयों में जलीय प्राणियों एवं वनस्पतियों के अस्तित्व की भी रक्षा करना होती है। इसीलिए एनजीटी के आदेश पर अमल करते हुए 10 प्रतिशत के स्थान पर 15 से 20 प्रतिशत जल मानसून के बाद निरन्तर छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है। इस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है।

 

Created On :   24 Jan 2018 9:52 AM IST

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