MP : अब एनजीओ को शासकीय अनुदान हेतु ऑनलाइन मान्यता व अनुदान मिलेगा

Now NGOs will get online recognition and grants for government grants
MP : अब एनजीओ को शासकीय अनुदान हेतु ऑनलाइन मान्यता व अनुदान मिलेगा
MP : अब एनजीओ को शासकीय अनुदान हेतु ऑनलाइन मान्यता व अनुदान मिलेगा

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजल कल्याण विभाग के अंतर्गत निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों के लिए समाज हितेषी, विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक एवं पुनर्वास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अशासकीय संस्थाओं यानि एनजीओ को ऑनलाइन मान्यता एवं अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने समाज कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को विभागीय मान्यता एवं अनुदान हेतु संशोधित नियम जारी कर दिए हैं।

नए नियमों में स्पष्ट किया गया है कि बिना मान्यता के एनजीओ शासकीय अनुदान के पात्र नहीं होंगे तथा यह भी आवश्यक नहीं होगा कि जिन एनजीओ को मान्यता दी जाए उन्हें अनुदान दिया ही जाए। नवीन प्रावधानों के अनुसार, ऑनलाइन मान्यता हेतु आवेदन किए जाने पर एनजीओ के निरीक्षण एवं परीक्षण के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इस समिति को अपनी अनुशंसा ऑनलाइन एवं हार्ड कॉपी सहित संचालनालय को भेजनी होगी। सिर्फ वे ही एनजीओ मान्यता हेतु आवेदन कर सकेंगे जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 या लोक न्यास पंजीकरण एक्ट 1951 या मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 या कंपनी अधिनियम 1958 के अंतर्गत लाईसेंस प्राप्त धर्मार्थ संस्थाएं हैं। 

नए नियमों के अनुसार, मान्यता सिर्फ एक जिले के लिए दी जाएगी। नशामुक्ति केंद्र संचालन के लिए नर्सिंग एक्ट के अंतर्गत संस्था का पंजीबध्द होना जरुरी होगा। एनजीओ जिला कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन देंगी।

आवेदन-पत्र प्राप्त होने के बाद संबंधित जिला अधिकारी एक सप्ताह के अंदर संस्था का निरीक्षण कर, निरीक्षण प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत करेगा। कलेक्टर अनुशंसा सहित प्रकरण 15 दिन के अंदर संचालनालय को ऑनलाइन भेजेंगे। यदि कलेक्टर 15 कार्य दिवस में प्रकरण संचालनालय को नहीं भेजते हैं तथा प्रकरण स्वमेव संचालनालय को फॉरवर्ड हो जाएगा और बिना कलेक्टर की अनुशंसा के उस पर संचालनालय विचार करेगा। संचालनालय सात दिनों के अंदर पांच वर्ष की मान्यता देने पर विचार करेगा। यदि पांच वर्ष में एनजीओ अच्छा काम करती है तो उसे पुन: 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण प्रदान किया जाएगा।

विभागीय मान्यता हेतु पंजीयन शुल्क एक हजार रुपए होगा जबकि नवीनीकरण शुल्क 500 रुपए होगा। मान्यता के बाद संस्था द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं समाज के सभी वर्ग के लिए होना जरुरी होगी न कि जाति,भाषा व धर्म के आधार पर।

 मप्र सामाजिक न्याय उप संचालक विमला राय का कहना है कि अशासकीय संस्थाओं को ऑनलाइन मान्यता एवं अनुदान के लिए नए नियम बनाए गए हैं। अब इनके अनुसार ही एनजीओ को मान्यता एवं अनुदान दिया जाएगा।

Created On :   20 Jan 2018 11:09 AM IST

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