ऐसे जीतेंगे कुपोषण से जंग : 3 माह से नहीं पहुंचा पौष्टिक आहार, 30 हजार बच्चे प्रभावित

Nutritional diet have not reach since last 3 months in Anganwadi
ऐसे जीतेंगे कुपोषण से जंग : 3 माह से नहीं पहुंचा पौष्टिक आहार, 30 हजार बच्चे प्रभावित
ऐसे जीतेंगे कुपोषण से जंग : 3 माह से नहीं पहुंचा पौष्टिक आहार, 30 हजार बच्चे प्रभावित

डिजिटल डेस्क उमरिया । प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने पौष्टिक आहार दुग्ध वितरण की योजना तीन माह से डी रेल पड़ी है। आंगनबाड़ी व स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ दूध पैकेट नहीं मिल पा रहे हैं। अंतिम बार केन्द्रों में मई 2017 को सप्लाई पहुंची थी। वहीं शीर्ष स्तर से खाद्यान्न आवंटन की प्रक्रिया में बदलाव ने राशन उठाव में भी देरी कर दी है। नॉन के मुताबिक देरी का कारण खाद्यान्न उठाव प्रक्रिया का ऑनलाईन होना बताया जा रहा है। प्रक्रिया अपडेट होने में विलंब से राशन उठाव में देरी हुई है। विभागीय गड़बड़ी के चलते आंगनबाड़ी व शासकीय स्कूल में दुग्ध व खाद्यन्न व्यवस्था लडखड़़ा रही है। हालांकि जिम्मेदार अफसर इसे मामूली मानकर पल्ला झाडऩे में लगे हुये हैं।
जानकारी अनुसार जिले में 102 मिनी सहित 763 आंगनबाड़ी केन्द्र में 20 हजार से अधिक बच्चों का नाम पंजीकृत है। सर्वाधिक केन्द्र मानपुर परियोजना में 247, पाली 182, उमरिया एक 195 तथा उमरिया दो में 139 केन्द्र चल रहे हैं। प्रतिमाह बच्चों का वजन कर उन्हें सुपोषित करने दूध सहित पौष्टिक आहार और जरूरत पडऩे पर पोषण पुर्नवास केन्द्र भेजा जाता है। इसी तरह शासकीय स्कूलों में 10 हजार से अधिक बच्चों को एमडीएम व पैकेट वाले दूध उपलब्ध कराये जाते हैं।
जानकारी छिपाते हैं विभाग
आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा गांव में एमडीएम की व्यवस्था जिला पंचायत के अधीन कार्य करती है। दोनों ही शीर्ष विभाग अपने-अपने सब आर्डिनेट के सहारे खाद्यान्न व दूध केन्द्र व स्कूलों तक पहुंचाते हैं। मौजूदा स्थिति में दोनों ही विभाग ऐसी स्थिति में नहीं है, कि जिले में कुल खपत, बच्चों की संख्या, खाद्यान्न आवंटन, वितरण व दुग्ध उपलब्धता की स्थिति बता पायें। ऐसी स्थिति में विभाग की भूमिका ही संदिग्ध प्रतीत होती है।
इनका कहना है
हमें राशन का आवंटन त्रैमासिक होता है। इस बार कुछ विलंब हुआ है। उपलब्धता होते ही शीघ्र बंटवा दिया जायेगा। दूध सप्लाई बीच में बंद थी। इस माह एक बार स्टॉक हमारे पास पहुंचा है, जिसे बांटने के लिए भेजा दिया गया है। हां यह जरूर है बीच में तीन माह दूध आवंटन न होने पर नहीं बांटा गया।
शांति बेले, डीपीओ उमरिया।
राशन आवंटन की प्रक्रिया भोपाल से अब आनलाइन हो गई। सिस्टम अपडेट होने में विलंब से उठाव में देरी हुई है।
एनएस उपाध्याय, डीएम नॉन उमरिया।

 

Created On :   10 Oct 2017 1:54 PM IST

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