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हादसों को न्यौता ! उपभोक्ताओं को दिए जा रहे एक्सपायरी सिलेंडर
डिजिटल डेस्क कटनी। पेट्रोलियम कंपनियों की लापरवाही के चलते घरों में कभी भी बड़ा हादसा घट सकता है। कंपनियां घरों में मौत के रूप में एक्सपायरी सिलेंडर बांट रही है। झिंझरी और नई बस्ती में अभी हाल में एक्सपायरी घरेलू सिलेंडर लीक होने के बाद अफरा-तफरी मच गई। कंपनी को जानकारी मिली तो उपभोक्ता को एक्सपायरी के बदले दूसरा सिलेंडर दिया गया।
कभी भी हो सकता है हादसा
घरों के भीतर सिलेंडर के इस्तेमाल करने के पहले उसे पूरी तरह से जांच करनी चाहिए। एक्सपायरी सिलेंडर कभी भी फट सकता है। उपभोक्ता जानकारी के अभाव में एक्सपायरी सिलेंडर का उपयोग करते है। शिवाजी नगर निवासी राजेश ंिसह, बरही रोड की दीपा साहनी ने बताया कि सिलेंडर की एक्सपायरी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।
इस तरह से जांचे एक्सपायरी
जानकारी के मुताबिक घरेलू एवं व्यवसायिक सिलेंडर के उपर लगी गोल हैंडिल के नीचे तीन पत्ती लगी होती है। एक पत्ती में सिलेंडर का वजन और दूसरे में उसमें निर्माण की तिथि अंकित होती है। तीसरी और अंतिम पत्ती में सिलेंडर की एक्सपायरी अंकित होती है। पत्ती में ए,बी,सी और डी के साथ में सन भी लिखा होता है। ए के साथ अगर 2018 लिखा है तो उसे जनवरी से मार्च माना जाएगा। बी-18 यानि अप्रैल से जून, सी-18 सिंबर और डी-18 से तात्पर्य अक्टूबर से दिसंबर तक वैध माना जाता है। इसी तरह से कोड के साथ सन सभी सिलेंडर पर अंकित रहता है।
केस-1
झिंझरी निवासी प्रदीप पांडेय ने घरेलू सिलेंडर बुक कराया। कंपनी के हॉकर द्वारा एक्सपायरी सिलेंडर सी-16 प्रदान किया गया। पिछले माह खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग गई। तत्परता के चलते सिलेंडर की आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया। जिसके चलते बड़ी घटना होने से बच गई।
केस-2
नई बस्ती निवासी रामसिंह के घर में डी-14 का सिलेंडर मिला। सिलेंडर रिसाव के बाद उन्होंने उसे डीलर को वापस कर दिया। रामसिंह ने इसकी लिखित शिकायत कंपनी को भेजी थी। कंपनी के लोगों ने भविष्य में एक्सपायरी सिलेंडर की आपूर्ति न करने का आश्वासन देकर समझौता कर लिया।
जिले में 82 हजार से अधिक उपभोक्ता
फूड विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले ंमें 19 डीलरोंं के माध्यम से 82 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को घरेलू सिलेंडर की सप्लाई की जाती है। इसमें सबसे अधिक इंडियन ऑयल कंपनी के उपभोक्ता है। हिंदुस्तान पे ट्रोलियम के छह और पांच भारत पेट्रोलियम के डीलर है। इसमें आठ नगरीय और 11 ग्रामीण क्षेत्र में एजेसियां संचालित हो रही है।
इनका कहना है
पेट्रोलियम कंपनियां अगर एक्सपायरी डेट का सिलेंडर बांट रही है तो उनसे जबाब-तलब किया जाएगा। किसी भी घर में एक्सपायरी सिलेंडर मिलता है तो वह सीधे एजेंसी या फूड विभाग को सूचना दे सकता है।
केस. एस. भदौरिया, प्रभारी फूड कंट्रोलर
सिलेंडर की वैधता समाप्त होने के बाद उसे प्लांट भेज दिया जाता है। प्लांट में डेंटिंग, पेंटिंग और टेस्टिंग के बाद ही उसे रीफिल किया जाता है। यदि एक्सपायरी सिलेंडर मिला है तो यह गंभीर है। हालांकि बाटलिंग प्लांट से सिलेंडर को चेक करने के बाद भेजा जाता है।
- ओ.ए. गुहा, सेल्स मैनेजर आईओसी
Created On :   30 Nov 2017 1:05 PM IST