'पीएम कृषि बीमा योजना किसानों के साथ कर रही है मजाक'

PM agriculture insurance scheme is joking with farmers
'पीएम कृषि बीमा योजना किसानों के साथ कर रही है मजाक'
'पीएम कृषि बीमा योजना किसानों के साथ कर रही है मजाक'

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना किसानों के साथ मजाक कर रही है। उन्होंने कहा कि जो राशि उन्हें मिल रही है उसे लेकर किसान सोच रहा है कि वह रोए या हंसे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा की सीएम शिवराज सिंह चौहान के जिला सीहोर में किसानों को 1 रूपए, 7 रूपए, 15 रूपए, 20 रूपए तक की बीमा राशि दी जा रही है। सीहोर वही जिला है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के शुभांरभ में कहा था कि योजना में किसानों की क्षति की 50 प्रतिशत भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यही हाल विदिशा का है जहां सीएम ने लाखों खर्च कर कार्यक्रम किया और किसानों को हास्यास्पद राशि मिली। सिंह ने कहा कि इसी तरह श्योपुर जिले में 17 हजार किसानों ने अपने फसलों का बीमा करवाया था, और किसान सम्मेलन में वरगंवा के एक किसान को ओलावृष्टि में फसल खराब होने के बाद 56 रूपए 14 पैसे ही मिले। जबकि किसानों ने बीमा का प्रीमियम 327 रूपए से लेकर तीन हजार रूपए तक दिया है। 

सिंह ने कहा है कि प्रदेश के 40 जिले सूखे की चपेट में है। कर्ज का बोझ उनके सिर पर हैं, बिजली के भारी बिल उसे मिल रहे है ऐसे समय में किसान पुत्र की सरकार इतनी कम बीमा राशि देकर उनके जले पर नमक छिड़क रही है। सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार किसानों के साथ लगातार धोखाधड़ी कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने सीएम से सवाल किया कि 3 नवम्बर 2015 को उन्होंने प्रशासन अकादमी में लाखों रूपए लगाकर किसानों को भविष्य में सूखे के संकट से बचाने के लिए जो कृषि मंथन किया था उसकी घोषणाओं का क्या हुआ।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि सीएम ने इसमें सूखे के संकट और खेती को लाभदायी बनाने के लिए रोड मेप भी बनाया था और हमारे वीर सीएम ने कहा था कि किसानों को सूखे के संकट से स्थाई रूप से मुक्ति दिलाई जाएगी। ढेर सारी अनुशंसाओ पर उच्चस्तरीय समिति का गठन, पुलिस प्रशासन और वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी तीन माह में एक बार भ्रमण करेंगे 7 मार्च 2017 तक सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएगें। उद्यानिकी और कृषि उत्पाद के निर्यात को बढावा देने के लिए राज्य स्तरीय संस्था का गठन किया जाएगा। यह संस्था भारत सरकार की एपीडा संस्था की तरह कार्य करेंगी। 23 हजार ग्राम पंचायत में से प्रत्येक में एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्व-चलित वर्षा मापक यंत्र लगाया जाएगा। पशुपालन, मछलीपालन पर आधारित आदर्श योजनाए बनाई जाएगी। किसानों को संकट से स्थाई रूप से मुक्ति दिलाई जाएगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम के 13 साल का इन्ही झूठ का नतीजा है कि आज प्रदेश में 112 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है । 

 
पंचायत सचिवों के वेतन से एक अरब की वसूली

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा हैं कि पंचायत सचिवों को एक अरब से अधिक वेतन देने की वसूली बताती है कि सरकार भांग के नशे में चल रही हैं। सिंह ने कहा कि पचांयत सचिवों को वर्ष 2016 से लगभग 4500 रुपए से अधिक दिए जा रहे हैं। वर्ष 2017 में सरकार को इस बारे में मालूम पड़ा और अब उनसे वसूली की जा रही है। पंचायत सचिव अल्प वेतन भोगी हैं। उसके वेतन से प्रति सचिव 54 हजार की वसूली होनी है। त्यौहारों के इस सीजन में उन पर यह अत्याचार है।
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि सरकार नशे में चल रही है यह तो वे घटनाऐं है जो सामने आ रही है लेकिन ऐसे कितने मामले होंगे जो सरकार को चूना लगा रहे होंगे। उन्होंने कहा की अराजकता और अकर्मणता के दौर से गुजर रही इस सरकार को नशामुक्त बनाने के लिए जनता को आगे आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पचांयत सचिवों के वेतन से यह वसूली दीपावली के बाद की जाए।

 

Created On :   19 Sept 2017 8:42 PM IST

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