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PM के इनोवेशन आईडिया में शामिल हुआ कटनी, को-आर्डिनेशन के साथ करना होगा काम

डिजिटल डेस्क कटनी । मध्यप्रदेश के जिन दो शहरों के स्वच्छता अभियान को प्रधानमंत्री ने इनोवेशन आईडिया बताया है कि उनमें कटनी भी शामिल है। इस आईडिया को फ्रेम में ले जाना है। इसके लिए को-आर्डिनेशन के साथ काम करना होगा। यह बात स्वच्छ भारत मिशन नगरीय प्रशासन के स्टेट नोडल अधिकारी नीेलेश दुबे ने नगर निगम में आयोजित बैठक में कही। एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे नोडल अधिकारी श्री दुबे ने कटनी शहरी क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया एवं एमएसडब्ल्यू के डिस्पोजल व खाद बनाने के प्लांट का निरीक्षण किया। नोडल अधिकारी ने भ्रमण के पश्चात नगर निगम कार्यालय में अधिकारी, कर्मचारियों सहित एमएसडब्ल्यू के प्रतिनिधियों की बैठक ली। नोडल अधिकारी ने कहा कि सभी के दायित्व निर्धारित हैं और कंसेशनल एग्रीमेंट गीता की तरह है। उन्होने कहा कि हर काम को टाइम लिमिट में पूरा करना होगा। बैठक में नगर निगम कमिश्नर टी.एस.कुमरे, एसबीएम के टेक्निकल एक्सपर्ट के.के.श्रीवास्तव, ननि की उपायुक्त एकता अग्रवाल, कार्यपालन यंत्री ललितधर द्विवेदी एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी उपस्थित थे। बाद में महापौर शशांक श्रीवास्तव भी बैठक में शामिल हुए।
छिपाओगे तो लोग ढूंढना शुरू कर देेंगे-
स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी श्री दुबे ने इस कार्य में पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यदि छिपाने का प्रयास करोगे तो लोग ढूंढना शुरू कर देंगे। इसलिए ट्रांसपेरेंसी जरूरी है। गलत काम की किसी को छूट नहीं मिलेगी और पारदर्शिता रखेंगे तो शिकायतें कम होंगी। नोडल अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नगर निगम का प्रोजेक्ट नहीं है और इसमें एमआईसी का भी रोल नहीं है।
70 फीसदी घरों से कचरा कलेक्शन-
नोडल अधिकारी ने साफ किया कि कटनी शहर में 70 प्रतिशत घरों से ही कचरा कलेक्शन हो रहा है। जबकि शत-प्रतिशत घरों से कचरा उठना चाहिए। उन्होने कहा कि मॉनीटरिंग कमेटी के पास पर्याप्त पॉवर हैं। नगर निगम तथा एमएसडब्ल्यू के अधिकारी/ कर्मचारी सामंजस्य बनाकर कार्य करें तभी स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य सफल होगा। उन्होने ने नगर निगम के अमले को ताकीद किया कि एमएसडब्ल्यू को ठेकेदार नहीं अपना पार्टनर मानें।
शेष 30 फीसदी सफाई ही चुनौतीपूर्ण-
स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी ने कहा कि दो घंटे तक शहर में घूमे हैं, 70 प्रतिशत ही सफाई दिखी। शेष 30 प्रतिशत सफाई ही चुनौती पूर्ण है। श्री दुबे ने कहा कि 30 प्रतिशत सफाई कराने में ही तेल निकल आएगा। कचरा फेंकने वालों को टे्रक करना होगा। कचरा संग्रहण के लिए लगे वाहनों की भीजीपीएस से निगरानी करना होगी। नोडल अधिकारी ने कहा कि जनता तो सहयोग करने तैयार है लेकिन यहां पर माइक्रो प्लानिंग ही नहीं है।
जब निरुत्तर हो गए स्वास्थ्य अधिकारी-
नोडल अधिकारी ने नगर निगम के अमले से सवाल किए तो स्वास्थ्य अधिकारी ठीक से जवाब ही नहीं दे पाए। स्वास्थ्य अधिकारी एम.एल.निगम ने एमएसडब्ल्यू की कमियां गिनाना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य अधिकारी कहना था कि ठेका एजेंसी द्वारा एग्रीमेंट की कापी नहीं दी जाती है। कचरा गाडिय़ों में हेल्पर नहीं रहते हैं। शहर भर से फोन आते हैं तो हम जवाब नहीं दे पाते हैं। तब नोडल अधिकारी ने कहा कि वे समाधान बताएं और एमएसडब्ल्यू से कर्मचारियों की सूची लें, वाहनों की जीपीएस से मॉनीटरिंग करें। एमएसडब्ल्यू को शेड्यूल फॉलो कराएं। जब नोडल अधिकारी ने पूछा कि शहर में कितने ठेला रजिस्टर्ड हैं, कितनी दुकानों में डस्टबिन रखे गए हैं हर दिन कितना कचरा निकलता है तो नगर निगम का जिम्मेदार अमला ठीक से जवाब नहीं दे पाया।
भुगतान पर शंकाओं का किया समाधान-
नोडल अधिकारी ने स्वच्छ भारत मिशन के भुगतान को लेकर उपजे गतिरोध एवं असमंजस पर स्थितियां स्पष्ट कीं। उन्होने कहा कि इसका भुगतान एक्सफ्ला अकाउंट के माध्यम से ही किया जाना है। चंूकि इसके लिए 70 प्रतिशत ग्रांट शासन देगा, इसलिए पहले इस अकाउंट में राशि ट्रांसफर करें और उससे भुगतान करें। नगर निगम के आडीटर ने कहा कि सीधे नगर निगम फंड से बिल पास हो रहे हैं और ट्रिपिंग फीस का गलत तरीके से भुगतान हो रहा है। आडीटर की शंकाओं को सही ठहराते हुए सुधार करने के निर्देश दिए।
Created On :   8 March 2018 2:17 PM IST