बीच गांव में क्रेशर, प्रदूषण से बीमार पड़ रहे ग्रामीण

Pollution is spreading through crushers in the middle village in Umaria
बीच गांव में क्रेशर, प्रदूषण से बीमार पड़ रहे ग्रामीण
बीच गांव में क्रेशर, प्रदूषण से बीमार पड़ रहे ग्रामीण

भास्कर न्यूज उमरिया। नौरोजाबाद से लगे शासकीय, अशासकीय भूमि में क्रेशर संचालकों की मनमानी से ग्रामीणों का सांस लेना दूभर हो रहा है।  दिनभर उड़ता धूल का गुबार अंजान ग्रामीण आबादी को मुफ्त बीमारी परोस रहा है। न तो पर्यावरण प्रदूषण की शर्तों का पालन न हो रहा है, न ही उत्खनन के लिए लीज क्षेत्र चिन्हित है, जिसका जहां मर्जी निजी व शासकीय भूमि से उत्खनन कर शासन को लाखों का चूना लगा रहा है।
जानकारी के मुताबिक नौरोजाबाद से लगे पिपड़ारी, पिनौरा, नरबार, घुलघुली में दर्जनभर क्रेशर संचालित हैं। शासन के नियमानुसार क्रेशर व स्टोन उत्खनन की पहली शर्त ही आबादी से दूरी, चारों ओर बाउण्ड्रीवाल, नियमित पानी का छिड़काव तथा प्रदूषण नियंत्रक यंत्र जरुरी है। क्षेत्र में क्रेशर तो चल रहे हैं लेकिन इन नियमों का पालन नहीं हो रहा। खनिज अमला तथा प्रदूषण नियंत्रक विभाग की कार्रवाई यहां सिफर साबित हो रही है।
करकेली जनपद के पोड़ी गांव में क्रेशर बीच गांव में प्रदूषण फैला रहा है। महज 100 मीटर की दूरी पर आंगनबाड़ी व बस्ती बसाहट है। प्रतिदिन क्रेशर के आसपास ग्रामीण व मूक जानवर आवागमन करते हैं। न तो सुरक्षा मापदण्ड न होने से हर समय प्रदूषित वायु गांव के पर्यावरण में जहर घोल रहा है। इसी तरह पिपड़ारी पंचायत, पिनौरा, नरबार व एक घुलघुली में संचालित कुल नौ क्रेशरों का यही हाल है। इस बीच जिम्मेदारों का एक तर्क यह भी है क्रेशर की अनुमति सालों पहले की थी। उस समय बसाहट नहीं थी। अब जब वहां सैकड़ों घर बन चुकें तब किसे कहां रहना है प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों की इस बात पर गौर ही नहीं किया।
नौ संचालकों में दो के पास खदान की लीज
सूत्रों की जानकारी अनुसार क्षेत्र में क्रेशर संचालन के अलावा उत्खनन के लिए खदान में भी खेल हो रहा है। तकरीबन नौ फर्म के लिए अलग-अलग लीज जरुरी है जबकि ज्यादातर पत्थर आमाडोंगरी के पहाड़ व शासकीय नदी नालों से परिवहन कर क्रेशरों में स्टॉक किया जा रहा है। यही नहीं एक दिन पहले ही खनिज अमले ने दो ट्रैक्टर को अवैध परिवहन करते पकड़ा था। ग्रामीणों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए गिट्टी परिवहन के नाम पर 35से 37 सौ रुपए तक वसूली चल रही है।
इनका कहना है
हमने दो दिन पहले ही ट्रैक्टरों को अवैध परिवहन में पकड़ा था। ज्यादातर क्रेशर वालों के पास खदान की लीज है। अवैध उत्खनन पर औचक जांच में कार्रवाई की जायेगी।
आरके पाण्डेय, खनिज अधिकारी उमरिया।
पूर्व में प्रदूषण फैलाने वाले क्रेशर मालिकों को नोटिस जारी हुआ था। प्रदूषण नियंत्रण यंत्र भी लगवाये गये हैं। बीच बस्ती में क्रेशर नहीं लगाये जा सकते। इसकी जांच कर न्यायोचित कार्रवाई की जायेगी।
जीके बैगा, वैज्ञानिक पीसीबी शहडोल

 

Created On :   13 Nov 2017 11:10 AM GMT

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