राजीव गांधी खेल योजना: 80-80 लाख रुपए स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाए स्टेडियम

rajiv gandhi sports scheme: the construction of both stadium is incomplete
राजीव गांधी खेल योजना: 80-80 लाख रुपए स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाए स्टेडियम
राजीव गांधी खेल योजना: 80-80 लाख रुपए स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाए स्टेडियम

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। राजीव गांधी खेल योजना के तहत जिले में दो स्टेडियम का निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 के दौरान स्वीकृत हुआ था और इसके विधिवत टेण्डर जारी कर ठेकेदारों को काम भी सौपा जा चुका था, लेकिन स्टेडियम निर्माण की दोनों योजनाएं अधर में पड़ी हुई है। 80-80 लाख रूपए से स्वीकृत स्टेडियम निर्माण योजना में मेहंदवानी विकासखण्ड में जहां वन विभाग का अडंगा सामने आया है वहीं बजाग विकासखण्ड अंतर्गत पड़रिया में ठेकेदार ने पिलर खड़े करने के बाद काम करने से इंकार कर दिया और यह काम अधूरा पड़ा हुआ है। स्टेडियम के न बन पाने के कारण जिले की खेल प्रतिभाओं को सवरने का मौका नहीं मिल पा रहा है और ऐसे हालात में अनेक खिलाड़ी जो कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा निखार चुके है। उनमें भी आक्रोश बना हुआ है। यहां पूरे जिले में कहने को सिर्फ एक स्टेडियम ही ऐसा है जहां पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती है और यह स्टेडियम शहपुरा विकासखण्ड में है। यहां डिण्डौरी मुख्यालय में बिरसामुण्डा स्टेडियम पिछले तीन सालों से अविकसित डला हुआ है और इसके लिए भी पीडब्ल्यूडी को क्रमश: 20 व 40 लाख रूपए की राशि पुन: निर्माण के लिए जारी की गई है, लेकिन कार्य की शुरूआत अब तक नहीं हुई।
पड़रिया स्टेडियम में खड़े हुए पिलर
बजाग विकासखण्ड में 9 एकड़ जमीन पर स्टेडियम का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ था। स्टेडियम निर्माण कार्य के प्रारंभिक दौर में ठेकेदार ने कुछ पिलर का निर्माण कार्य किया, लेकिन लागत और नुकसानी की स्थितियों को देख ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए और निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। इस मामले की जानकारी निर्माण एजेंसी आरईएस को लगी और विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार को नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन इसके बावजूद भी जब ठेकेदार कार्य करने के लिए राजी नहीं हुआ तो मजबूरन विभाग ने पुन: टेण्डर काल किए है। यहां स्टेडियम निर्माण न होने से क्षेत्रीय लोगों ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों व कलेक्टर को भी पत्र लिखकर कार्य जल्द प्रारंभ करने की मांग की थी।
यहां लगा वन विभाग का अडंगा
जहां बजाग में निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया वहीं मेहंदवानी विकासखण्ड में 6 एकड़ जमीन में तैयार होने वाले स्टेडियम निर्माण में वन विभाग ने रोक लगा दी। बताया जाता है कि यहां स्टेडियम निर्माण के लिए जिस जमीन की स्वीकृति विभागीय स्तर पर कराई गई थी वह वन विभाग की थी और इस मामले में मण्डला डीएफओ सहित मुख्यालय से भी स्टेडियम निर्माण के लिए एनओसी जारी करा ली गई थी, लेकिन इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने निर्माण कार्य को रोक दिया। जिसके कारण यहां भी स्टेडियम निर्माण अधर में डला हुआ है और इसका लाभ भी क्षेत्रीय खिलाडिय़ों को नहीं मिल पा रहा। बताया जाता है कि दोनों स्टेडियम के निर्माण के लिए दो साल की समयावधि शासन ने दी थी, लेकिन एक साल गुजरने के बाद दोनों स्टेडियम का निर्माण शुरू होना संशय में पड़ा हुआ है।
नहीं निखर पा रही प्रतिभाएं
आदिवासी बाहुल्य जिले में खेल के प्रति रूचि रखने वाली ऐसी अनेक प्रतिभाएं है जिन्होंने शालेय, संभाग व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इन प्रतिभाओं में खो-खो, कबड्डी, बालीबाल, गोला फेंक, भाला फेंक, कुश्ती, टेनिस, दौड़ सहित अन्य खेलों के प्रति रूचि दिखाने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुके है, लेकिन जिले की अनेक ऐसी प्रतिभाएं समय के पहले ही धूमिल हो जाती है जिन्हें खेल मैदान न होने का लाभ नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि डिण्डौरी मुख्यालय में खेल मैदान के न होने के कारण शालेय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं मजबूरन शहपुरा में आयोजित की जाती है। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी रूचि नहीं दिखा रहे है।
इनका कहना है
राजीव गांधी खेल योजना के तहत मेहंदवानी व बजाग में स्टेडियम निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ कराने के लिए टेण्डर कॉल किए जा रहे है।
आर.के.झारिया,ईई, आरईएस डिण्डौरी

 

Created On :   28 Oct 2017 7:38 AM GMT

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