- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- भोपाल
- /
- मंदिरों में दिव्यांगों, वृध्दों और...
मंदिरों में दिव्यांगों, वृध्दों और गर्भवती महिलाओं के लिये नहीं हैं रैंप, व्हील चेयर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के मंदिरों में दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं को भगवान के दर्शन में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वे आसानी से भगवान के दर्शन कर सकें इसके लिए न ही रैंप बने हैं और न ही व्हील चेयर हैं। भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अंतर्गत गठित सैन्ट्रल बोर्ड आफ डिसएबिलिटी के मेम्बर कनु भाई पटेल ने एक पत्र लिखकर इस ओर सीएम शिवराज सिंह चौहान का ध्यान खींचा है।
बता दें कि कनु भाई पटेल गुजरात के हैं और दो माह पहले वे सूरत से करीब दो सौ दिव्यांग बच्चों को लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर उन्हें दर्शन कराने आए थे। लेकिन वहां उन्हें दिव्यांग बच्चों को महाकाल एवं काल भैरव के दर्शन कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालात ये थे कि दिव्यांग बच्चों को गोद में उठा-उठा कर मंदिर के अंदर ले जाना पड़ा था और कई घिसट-घिसट कर अंदर जा रहे थे। इस स्थिति को देख पटेल ने उज्जैन कलेक्टर को इस विकट स्थिति से अवगत कराया और दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं। कलेक्टर ने उन्हें इसकी व्यवस्थाएं करने का आश्वास दिया और पन्द्रह दिनों के अंदर महाकाल मंदिर में रैंप तैयार करवा दिया। पटेल इस रैंप को देखने के लिए उज्जैन आए। बाद में पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश के सभी मंदिरों में दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं के लिए रैंप एवं व्हील चेयर की व्यवस्था कराने का आग्रह किया जिससे इन व्यक्तियों को भी भगवान के दर्शन आसानी से हो सकें।
पटेल ने भारत सरकार को भी देश के सभी राज्यों में इस प्रकार की व्यवस्था करने के लिए लिखा है। उनके पत्र पर केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने संज्ञान लिया है और आगामी 29 जनवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के सभी राज्यों के सामाजिक न्याय मंत्रियों की जो बैठक बुलाई गई है उसमें पटेल द्वारा उठाए गए विषय को भी रखा गया है।
Created On :   18 Jan 2018 6:44 PM IST