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फेयर फूड्स लिमिटेड से होगी 42 लाख रुपए की वसूली - सामान्य चावल को बासमती बताकर ली थी छूट
डिजिटल डेस्क कटनी । सामान्य चावल को बासमती बताकर मंडी एवं निराश्रित शुल्क का छूट लेना फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को मंहगा पड़ गया।उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने सिंगल बैंच द्वारा दिए गए स्थगन को हटाने का आदेश पारित करने बाद कृषि उपज मंडी ने तीन दिन के अंदर 42 लाख रुपए जमा कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड की मुश्किलें और बढ़ गई है। हाल ही में अमानक चावल के मामले मेें जहां नॉन ने शिकंजा कसते हुए मिलर्स को नोटिस दिया था।
यह रहा पूरा मामला
यह मामला करीब चार वर्ष पुराना है। जब मंडी शुल्क बचाने के चक्कर में फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने सामान्य चावल को ही बासमती चावल बता दिया। मामला सामने आने पर इसकी शिकायत मंडी बोर्ड भोपाल से की गई। मंडी बोर्ड भोपाल ने एक टीम बनाकर कृषि उपज मंडी कटनी भेजी। यहां पर जांच के दौरान फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड की कारगुजारी उजागर हुई। साथ ही स्थानीय स्तर पर मंडी अफसरोंपर मिलीभगत के भी आरोप लगे। मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क के मामले में भोपाल स्तर से कार्यवाही के बाद 42 लाख रुपए की रिकवरी का नोटिस दिया गया तो फेयर फूड ने न्यायालय का रास्ता अख्तियार किया। यहां पर मामले की सुनवाई के दौरान मंडी की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
बोर्ड ने रखा पक्ष
मंडी बोर्ड भोपाल की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने पक्ष रखा। जिसमें बताया गया कि जो छूट सिर्फ बासमती चावल इकाई के लिए रखी गई है। उस छूट का फायदा उठाने के लिए फेयर फूड ने गलत दस्तावेज लगाए। जिसके चलते मंडी बोर्ड को नुकसान उठाना पड़ा।
इनका कहना है
मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क के मामले में फेयर फूड ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को 42 लाख रुपए की रिकव्हरी का नोटिस पहले दिया गया था। फेयर फूड इसके लिए उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले आई थी। हाल ही में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने मंडी बोर्ड की कार्यवाही को बहाल कर दिया। जिसके बाद फेयर फूड को रिकव्हरी का नोटिस देते हुए तीन दिन के अंदर राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
पीयूष शर्मा, मंडी सचिव
Created On :   11 Oct 2020 7:28 PM IST