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संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र - 20 दिन उत्पादन बंद करके मेंटीनेंस कराया, एक हफ्ते में बैठ गई यूनिट

डिजिटल डेस्क उमरिया । संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र (एसजीटीपीएस) में मंगठार में 20 दिन तक वार्षिक रख-रखाव के बाद प्रारंभ हुई एक नंबर यूनिट (210 मेगावाट) एक सप्ताह भी ढंग से नहीं चल पाई। गुरुवार रात बायलर ट्यूब में लीकेज के बाद यूनिट को बंद कर दिया गया है। चार यूनिट के मेंटीनेंस पर 9 करोड़ 25 लाख से अधिक राशि खर्च की जा रही है। ओवरहालिंग के बाद यूनिट ठप होने से कार्य की गुणवत्ता और प्रबंधन की मानीटरिंग सवालों के घेरे में है।
दरअसल, हर साल बारिश के सीजन में बिजली कम खपत मानकर उत्पादन कंपनी यूनिटों का वार्षिक रख-रखाव करती हैं। संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र मंगठार में कुल पांच यूनिट है। इस वर्ष केवल चार यूनिट (1 से 4 नंबर 210 मेगावाट वाली) के मेंटीनेंस का काम होना है। इसके लिए बिरसिंहपुर पाली की दो निजी कंपनियों केके पावर कंस्ट्रक्शन को 4 करोड़ 90 लाख 36 हजार 924 रुपए तथा अब्जान कंस्ट्रक्शन को 4 करोड़ 34 लाख 90 हजार 153 रुपए का काम दिया गया है। मेंटीनेंस के लिए नियमानुसार एक व दो नंबर यूनिट को 21-21 दिन तथा 3 व 4 नंबर यूनिट को एक-एक माह की अवधि में पूर्ण किया जाना है।
9 जुलाई को ही पूरा हुआ है काम
एक नंबर यूनिट को बंद करके 20 जून से 9 जुलाई तक मेंटीनेंस का काम किया गया था। 10 जुलाई को इससे उत्पादन शुरू किया गया था। छह दिन के भीतर एक बार फुल लोड के बाद यूनिट लगातार काम नहीं कर पाई और गुरुवार रात बायलर ट्यूब में लीकेज के बाद इसे बंद करना पड़ा। दूसरी ओर चौथी यूनिट से उत्पादन बंद कर 6 जुलाई से सुधार कार्य शुरू किया गया। 5 अगस्त तक इसके मेंटीनेंस का काम चलना है। इसके बाद इस यूनिट से उत्पादन प्रारंभ होगा। तब तक 210 मेगावाट बिजली नहीं बन पाएगी। शुरुआत में ही कार्य की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है।
उत्पादन बंद होने से नुकसान
एक नंबर यूनिट बंद हो चुकी है और चार नंबर यूनिट में मेंटेनेंस का काम चल रहा है। इस तरह इस समय बिजली का उत्पादन दो, तीन व पांच नंबर यूनिट से किया जा रहा है। एक नंबर यूनिट से दोबारा उत्पादन कब शुरू हो सकेगा, यह अभी तय नहीं है। ज्यादा दिन तक उत्पादन बंद होने से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मेंटीनेंस में सरकार का करोड़ों रुपए खर्च होता है। डिमांड कम रहती है इसलिए सरकार अधिक बिजली तैयार कर अतिरिक्त आय भी करती है। घटिया मेंटीनेंस से बार-बार यूनिट बंद होने से सरकार को सीधे करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है।
तीन यूनिट चालू, 818 मेगावाट बिजली उत्पादन
जिले के 1340 मेगावाट थर्मल बिजली उत्पादन वाले एसजीटीपीएस में कुल पांच यूनिट हैं। इनमें से 210 मेगावाट की चार यूनिट हैं। 1 नंबर से लेकर 4 नंबर तक तथा पांचवीं यूनिट 500 मेगावाट की हैं। वर्तमान में केवल तीन यूनिट से उत्पादन हो रहा है। दो नंबर यूनिट से 1723 मेगावाट, तीन नंबर यूनिट से 154 तथा पांच नंबर यूनिट से 492 मेगावाट यानि कुल 818 मेगावाट बिजली तैयार की जा रही है। पिछले 14-15 दिनों से बांध में जल स्तर बढऩे से हाइड्रल भी चालू है।
इनका कहना है
एक नंबर यूनिट को लोड पर लिया था। रात 1 बजे से बंद है। रीहीटर में ट्यूब लीकेज है। ठीक कर जल्द उत्पादन चालू कर देंगे। चार नंबर यूनिट ओवरहालिंग पर है। दो, तीन व पांच नंबर यूनिट से बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
वीके कैथवार, मुख्य अभियंता
Created On :   18 July 2020 5:11 PM IST