डिंडोरी के स्कूली छात्रों के लिए सपना ही रह गया वीडियो से पढ़ाई करना

scheme of video based study is not running success fully
डिंडोरी के स्कूली छात्रों के लिए सपना ही रह गया वीडियो से पढ़ाई करना
डिंडोरी के स्कूली छात्रों के लिए सपना ही रह गया वीडियो से पढ़ाई करना

भास्कर न्यूज डिण्डौरी। जिले के कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों में वीडियों के माध्यम से पढ़ाई कराए जाने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया था, लेकिन इस योजना को आशातीत सफलता नहीं मिल सकी है। जिसकी मुख्य वजह संसाधनों की कमी बताई जा रही है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही जिले के अनेक स्कूलों में वीडियों के माध्यम से शिक्षा दिलाए जाने का प्रयास किया जाएगा और इसके लिए लगभग 70 स्कूलों का चयन किया गया है। जानकारी के अनुसार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी और छात्रों के अध्यापन कार्य के प्रभावित होने के कारण छात्रों को वीडियो दिखाकर पढ़ाई में दक्ष करने का निर्णय लिया गया था। बताया जाता है कि यह वीडियो उनकी कक्षा के अनुसार विषय और सवालों को सही विधि से हल करने के तरीकों से अवगत कराएगा। खासकर ऐसे सवाल जो छात्रों के लिए मुसीबत बनते है। उनको सरलता से सुलझाने का एक वीडियो होगा। जिसमें कक्षा व विषयवार विजुअल दिखाया जाएगा। यह योजना दूसरे जिलों में प्रयोग हुई इस नवाचार के अनुरूप डिण्डौरी में लागू की गई है और इसके तहत वर्तमान में सभी मॉडल स्कूलों को शामिल किया गया है। यहां प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है। जिसके बाद किन स्कूलों में एलईडी टीवी है यह भी सूची में दर्ज किया जाएगा। क्योंकि वीडियो को पेनड्राइव के जरिये एलईडी टीवी में लगाकर से छात्रों के समक्ष रखा जाएगा।
जिले में कमी है विषय विशेषज्ञों की
यह तो सर्व विदित है कि जिले के अनेक हायर सेकंडरी व हाई स्कूल में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की काफी कमी है और ऐसी स्थिति में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी पाठ्यक्रमों को पूरा कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था। मुख्य रूप से गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय में विद्यार्थी खासे परेशान थे। इन हालातों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन की तर्ज पर स्कूलों में वीडियो के माध्यम से पढ़ाई कराने का प्रयास किया है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम सुधारने के लिए शिक्षक विहीन स्कूलों में वीडियो तैयार कराकर छात्रों को अध्यापन कार्य कराया जाना है।   
संसाधन की उपलब्धता के प्रयास
अधिकारियों का कहना है कि जिले में अनेक स्कूलों में वीडियों, टीवी, प्रोजेक्टर आदि नहीं है। ऐसी स्थिति में जिन स्थानों पर यह सुविधाएं है वहां वीडियों के माध्यम से शिक्षा दी जाने लगी है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन संसाधन जुटाने का प्रयास कर रहा है। जैसे ही यह वीडियो मिल जाएंगे। जिले के शेष स्कूलों में टीवी के माध्यम से वीडियो दिखाकर पढ़ाई का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार अब तक के शिक्षकों की कमी वाले आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे 70 से अधिक स्कूल है जहां विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी है। जहां काफी वर्षो से संविदा की भी भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में इन स्कूलों का भविष्य अंधकार मय है।
इनका कहना है
वीडियो के माध्यम से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाए जाने के लिए जो निर्णय लिया गया था उसमें कुछ स्कूलों में ही यह व्यवस्था हो सकी है। यहां संसाधनों की कमी सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर प्रयास जारी है कि संसाधन विहीन स्कूलों में टीवी, प्रोजेक्टर व वीडियों की व्यवस्था कराई जाए और विद्यार्थियों को वीडियों के माध्यम से शिक्षा दी जाए।  
अमित तोमर, कलेक्टर डिण्डौरी

 

Created On :   1 Nov 2017 7:42 AM GMT

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