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स्कूल प्रबंधन और दुकानदारों में कमीशन का खेल-GST चोरी कर नहीं दे रहे पक्की रसीद

डिजिटल डेस्क कटनी । स्कूलों का नया सत्र प्रारंभ होने वाला है। स्कूल प्रबंधन और दुकानदारों की सेटिंग में कमीशनखोरी का खेल तेजी का साथ चल रहा है। दुकानदार अभिभावकों को पक्की रसीद नहीं दे रहे है। कच्ची रसीद के सहारे दुकानदार जीएसटी की चोरी कर रहे है। स्कूल की आड़ में दुकानदारों को लूट की खुली
छूट दी जा रही है।
कान्वेंट स्कूलों की मनमानी
जानकारी के मुताबिक कान्वेंट स्कूल चाहे एमपी बोर्ड का हो या सीबीएसई या आईसीएसई का सबका रवैया एक जैसा है। स्कूल प्रबंधन और दुकानदारों की मिलीभगत के चलते अभिभावकों की जेब पर डाका डाला जा हा है। बुकसेलर अभिभावकों को किताब खरीदने पर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दे रहे है।
अलबत्ता उनसे जीएसटी के नाम पर पैसा वसूल रहे है। जबकि रसीद के नाम उन्हें कच्चा बिल थमाया जा रहा है। अभिभावकों ने कच्चे बिल और मनमाने दाम की शिकायत भी की है।
ड्रेस और शूज में भी मनमानी
बुकसेलर के साथ बच्चों की ड्रेस और शूज में मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। किताब, कापी, स्टेशनरी और बैग की कीमतों में किसी भी तरह की छूट नहीं है। शहर के नामचीन स्कूल में पढ़ रहे एक बच्चे के पिता ने बताया कि दुकानदार फिक्स प्राइज से ज्यादा पैसा वसूल रहे है। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधन ने दुकान भी निर्धारित कर रखी है। अभिभावक आदित्य उपाध्याय एवं प्रदीप पांडेय ने बताया कि स्कूल की किताबें निर्धारित दुकान के अलावा दूसरे स्थानों पर नहीं मिलती है।
सामानों पर जीएसटी की दर
कापी 12 प्रतिशत
स्टेशनरी 12 प्रतिशत
बैग 12 प्रतिशत
स्कूल ड्रेस 5 प्रतिशत
अन्य 12 प्रतिशत
इनका कहना है
किताबों की खरीद-फरोख्त पर दाम से अधिक वसूली पर कार्रवाई होगी। अभिभावक किसी भी दुकान पर किताब खरीद सकता है। स्कूल प्रबंधन ने यदि किसी भी तरह की बंदिश लगाई है तो उनके खिलाफ एक्शन होगा।
-बीएस चौधरी, कलेक्टर
दुकानदार यदि पक्की रसीद नहीं दे रहा है तो उसकी शिकायत संबंधित मंच पर की जानी चाहिए। विभाग दुकानों पर औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करेगा।
-मनीष महारणवर, सीनियर वाणिज्यकर अधिकारी
Created On :   30 March 2018 5:15 PM IST