- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- वर्धा
- /
- बंद हो जाएंगी दस से कम छात्र संख्या...
बंद हो जाएंगी दस से कम छात्र संख्या वाली शालाएं
डिजिटल डेस्क, वर्धा. 20 से कम छात्र संख्या वाली राज्यभर की सभी शालाओं को बंद करने का निर्णय राज्य सरकार की ओर से लिया गया है। इस संबंध में हलचलें तेज हो गई है। इसके बावजूद 20 से कम छात्र संख्या ेवाली सभी स्कूलें बंद नहीं की जाएगी। जहां छात्र संख्या कम है, लेकिन उस परिसर से 3 किलोमीटर तक दूसरी स्कूल नहीं है, वहां 20 से कम छात्र संख्या वाली स्कूलें शुरू रहेंगी। इस कारण 20 से कम व 10 से अधिक छात्र संख्या वाली शालाओं के पूर्णत: बंद होने की आशंका कम है। महज 10 से कम छात्र संख्या वाली शालाएं बंद हो सकती हैं।
जिले में जिला परिषद की सैकड़ों शालाएं हैं। कुल 292 स्कूलों में 20 से कम छात्र संख्या हैं। लेकिन यह सभी स्कूलंे बंद नहीं होनेवाली हैं। दुर्गम परिसर की स्कूलें शुरू रहेंगी। जहां यात्रा की सुविधा है और जिस गांव में दो शालाएं हैं, उस जगह की 10 से कम छात्र संख्या वाली शालाएं बंद होगी।
यहां से रिक्त होनेवाले शिक्षकों का समायोजन आंतरजिला तबादले में किया जायेगा। राज्य में 0 से 20 छात्र संख्या वाली कितनी स्कूले हैं। स्कूलें बंद करने की स्थिति किस स्तर पर है, इस संबंध में शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने जानकारी मांगी है। 10 से कम छात्र संख्या वाली स्कूलें बंद करने पर 350 शिक्षक अतिरिक्त होंगे। तकरीबन शिक्षकों के उतने ही पद रिक्त हैं। इस कारण आंतरजिला तबादले में उनका समायोजन किया जाएगा। इससे जिला परिषद की स्कूलों में शत-प्रतिशत शिक्षक उपलब्ध होंगे। जिसका छात्रों की पढ़ाई पर विपरित परिणाम नहीं होगा। सभी शिक्षक उपलब्ध होने के कारण छात्रों की गुणवत्ता में सुधार आने की बात की जा रही हैं।
तहसीलवार जिले में कुल 292 शालाएं
तहसील 10 तक छात्र 10 से 20 छात्र
वर्धा 07 29
सेलू 07 20
देवली 06 30
आर्वी 12 38
आष्टी 05 11
कारंजा 09 17
हिंगणघाट 11 28
समुद्रपुर 18 44
सरकार के निर्णय के खिलाफ आंदोलन
उधर वर्धा शहर के गांधी चौक परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय ओबीसी मुक्ति मोर्चा ने धरना आंदोलन कर 20 से कम संख्या वाली सरकारी स्कूलों को बंद करने वाले निर्णय का विरोध करते हुए जिलाध्यक्ष तुषार पेंढारकर के नेतृत्व में धरना आंदोलन किया। वर्धा जिला परिषद से संबधित 398 शालाओं का समावेश है। राज्यभर में करीब 15 हजार शालाएं बंद होने की जानकारी राष्ट्रीय ओबीसी मुक्ति मोर्चा ने आंदोलन के दौरान दी। इस दौरान शासन के शिक्षा अधिकार विरोधी कृति और जिप सदस्यों की खामोशी का भी विरोध किया गया।
धरना आंदोलन के दौरान अशोक आठबैले, प्रवीण पेठे, प्रशांत गहुकर, युवराव इंगोले, चिंधु उमाटे, शेख सैफ भाई, देवेंद्र ठाकरे, नितिन वानखेडे, विनोद दांडड़े, रामा राऊत, स्वप्निल धोटे, वैभव भोकरे, विकास डबले, विक्की सवाई, साकिर हुसैन, सुनील लसुंते समेत अन्य मौजूद थे।
Created On :   19 Oct 2022 7:59 PM IST