स्कॉटलैंड रोड आज से कहलाएगी लाड़ली लक्ष्मी पथ  

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111 वर्ष बाद मिलेगी स्वेदशी पहचान स्कॉटलैंड रोड आज से कहलाएगी लाड़ली लक्ष्मी पथ  

डिजिटल डेस्क,सतना। सिविल लाइन से संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन को जोडऩे वाली स्कॉटलैंड रोड को 2 नवंबर को समारोह पूर्वक स्वदेशी पहचान मिल जाएगी। पूरे 111 वर्ष बाद यह पहला मौका होगा, जब आजादी के अमृत महोत्सव के बीच यहां स्कॉटलैंड रोड को लाड़ली लक्ष्मी पथ की नई पहचान दी जाएगी। प्रदेश के 67 वें स्थापना दिवस के विविध आयोजनों के क्रम में सुबह साढ़े 11 बजे नामकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी सुबह साढ़े 11 बजे ऑनलाइन होंगे। इससे पहले सुबह साढ़े 10 बजे लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के तहत ही शासकीय स्वशासी महाविद्यालय की वाटिका भी लाड़ली लक्ष्मी के नाम पर समर्पित की जाएगी।

फ्लैश बैक/ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंट

बर्टन ने 1911 में बनवाई थी सड़क - लाड़ली लक्ष्मी के नाम को समर्पित होने जा रही स्कॉटलैंड रोड वर्ष 1911 में ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंट बर्टन ने बनवाई थी। सिविल लाइन चौक से धवारी के बीच तकरीबन 3 किलोमीटर लंबी इस रोड का नाम तभी से स्कॉटलैंड रोड है। वरिष्ठ पत्रकार एवं सतना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के विशेषज्ञ पं.चिंतामणि मिश्र बताते हैं,
तब ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंसी का हेड क्वार्टर सिविल लाइन में होता था। पुलिस अधीक्षक का मौजूदा बंगला तब एजेंसी का आफिस हुआ करता था। जबकि वर्तमान धवारी स्टेडियम में प्रिंस क्वाटर्स का कैंपस हुआ करता था। जहां सोहावल, कोठी, जसो और मैहर स्टेट के राजकुमार रह कर पढ़ाई किया करते थे। धवारी से सिविल लाइन को जोडऩे के लिए बर्टन ने रोड बनवाई थी।

धवारी स्टेडियम में पहला पोलो मैच-

नामवर साहित्यकार चिंतामणि के मुताबिक वर्ष 1910 में अंग्रेजों ने यहां धवारी स्टेडियम में पोलो मैच का आयोजन किया था। यह मैच में अंग्रेजों की सैन्य अफसरों की टीम और ब्रिटिश कालीन सेंट्रल इंडिया की तमाम स्टेट के राजाओं और राजकुमारों की टीम के बीच खेला गया था। इस मैच में हाथी भी शामिल थे।
प्रथम पोलो मैच तब दो दिन चला था। धवारी में ही तब रीवा महाराजा की छावनी भी हुआ करती थीं। जहां घुड़सवार सैनिक रहा करते थे। यद्यपि यह सैन्य टुकड़ी अंग्रंजों से नियंत्रित हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि इन्हीं कारणों से धवारी से सिविल लाइन के बीच सड़क निर्माण की जरुत महसूस की गई थी।

स्कॉटलैंड रोड ही क्यों 

असल में सतना का तत्कालीन ब्रिटिश पोलिटिकल एजेंट बर्टन इंग्लैंड के स्कॉटलैंड स्टेट का रहने वाला था। इसी वजह से सड़क का नामकरण भी तब स्कॉटलैंड के नाम पर रखा गया था। वर्ष 2010-11 के दौरान जब नागौद के भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री बने तो उन्होंने स्कॉटलैंड रोड के नए सिरे से निर्माण की योजना बनाई। लगभग 7 करोड़ की लागत से 3 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण स्कॉटलैंड के रोड पैटर्न पर किया गया। इस पैटर्न के तहत फोर लेन रोड के मध्य में डिवाइडर, दोनों ओर 7-7 मीटर चौड़ी कांक्रीट रोड फिर अंडर ग्राउंड ड्रेनेज और फिर फुटपाथ बनाया जाता है। 
 

Created On :   2 Nov 2022 2:00 PM IST

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