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खेत में काटकर रखा सोयाबीन वापसी की बारिश से बर्बाद, बेबस हो गए किसान
डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिले में कई किसानों ने सोयाबीन की कटाई की हैं। लेकिन लौटती बारिश के कारण सोयाबीन भीग गया है। इस कारण किसानों के मुंह तक आया निवाला छिन गया है। किसान अब बेबस हो गये हैं। वर्धा शहर समीप के संजय जिकार को दो बार सोयाबीन की बुआई करनी पड़ी। दो दिन पहले उन्होने सोयाबीन काटकर रखा था। सोयाबीन के ढेर खेत में रहते जोरदार बारिश हुई। जिसमें सोयाबीन भीगने के कारण खराब हो गया। इसके कारण उनका बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इस वर्ष खरीफ के मौसम में जुलाई व अगस्त महीने में हुई बारिश के कारण सोयाबीन का बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया। किसानों को दोबारा-तिबारा बुआई करनी पड़ी। कई किसानों की खेती पड़ित है। ऐसी स्थिति में कुछ किसानों के खेत में सोयाबीन कटाई पर आ गया है। कटाई कर खेत में रखे सोयाबीन को बारिश की मार झेलनी पड़ रही है। जिसके कारण किसान बेबस नजर आ रहे हैं।
किसान ने खून से लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
यवतमाल में सभी के लिए अनाज उगानेवाले किसान की यातनाएं कम नहीं हो रही है। दो बार कर्जमाफी होने के बाद भी उसका लाभ किसान को नहीं मिला। इससे संतप्त किसान ने खून से सीएम को पत्र लिखा है। यवतमाल तहसील के बेलोरा रूई निवासी इस किसान का नाम सुरेश बोंबलांगे है। इस किसान का सातबारा पर लिया गया फसल कर्ज बढ़ता जा रहा है। इस कारण नया कर्ज नही मिल रहा है। 2017 और 2019 में दो बार कर्जमाफी हो चुकी है। मगर यह किसान वंचित है। इसलिए खून से लिखे पत्र को सीएम के पास भेजा गया है।
निरंतर बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
हिंगणघाट शहर में निरंतर बारिश का कहर जारी है। वहीं इस साल बारिश हर साल से डेढ़ गुना होने के कारण किसानों की चिंताएं बड़ गई है। निरंतर बारिश से इसका असर किसानों के फसल पर पड़ रहा है। जिससे किसान परेशान हैं। बता दें कि, इस साल लौटते मानसून में भी बारिश के कारण तहसील के सभी बांध लबालब हो गए हंै। जिसके कारण सभी बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। हिंगणघाट परिक्षेत्र में 1871 मिलीमीटर बारिश हुई है जो हर साल से डेढ़ गुना है। अभी तक आंकड़ों के अनुसार हर साल करीब 1200 मिलीमीटर बारिश होती आयी है, लेकिन इस साल 1800 मिलीमीटर के उपर बारिश होने से डेढ़ गुना बारिश हुई है। जिसके चलते बुधवार की सुबह 6 बजे वडगांव बांध के 11 दरवाजे 25 सेंटीमीटर खोले गए है। वहीं बुधवार को 88 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। हिंगणघाट के किसान पराग कोचर कहते हैं कि सोयाबीन की फसल निकलने को तैयार है लेकिन इस समय बारिश होने से फसल की क्वालिटी खराब होकर सड़ रही है। इसके साथ ही जमीन की मिट्टी आ रही है। वहीं कपास की फसल फूल पर है लेकिन निरंतर बारिश के कारण फसल नुकसान होने की संभावनाएं है। जिसके चलते दाम में फरक आने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
Created On :   13 Oct 2022 8:15 PM IST