मंदिर मठ बंद हैं और सरकार चलाने के लिए लोगों को पिलाई जा रही शराब

Temple monasteries are closed and people are being drunk for running the government
मंदिर मठ बंद हैं और सरकार चलाने के लिए लोगों को पिलाई जा रही शराब
मंदिर मठ बंद हैं और सरकार चलाने के लिए लोगों को पिलाई जा रही शराब


डिजिटल डेस्क जबलपुर।  कोरोना के नाम पर मंदिर मठ बंद किए गए, मंदिर में जाकर पूजन-अर्चन पर पाबंदी लगा दी गई है, पर शराब की दुकानें खुल रही हैं। शराब पूरी तरह बंद होना चाहिए, लेकिन हाल यह है कि यह लोग सरकार चलाने के लिए लोगों को शराब पिला रहे हैं। गाँव-गाँव में स्वयं के उपयोग के लिए गौमूत्र व महुआ की शराब बनाते हैं उसे अवैध बताकर नष्ट किया जाता है। वहीं सरकार शराब लोगों को परोसकर खजाना भर रही है।
यह बात द्विपीठाधीश्वर जगद््गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सांकलघाट स्थित आदि शंकराचार्य जी की तपोस्थली पर निर्मित मंदिर में हुई पत्रकारवार्ता में कही। महाराज श्री ने कहा कि एतिहासिक, सत्यापित तथ्यों से छेड़छाड़ कर सनातन धर्म व संस्कृति पर कुठाराघात किया जा रहा है। नरसिंहपुर जिले के गजेटियर में उल्लेखित शंकर घाट जिसे वर्तमान में सांकलघाट कहा जाता है वहाँ भगवान श्री आदि शंकराचार्य जी ने सन्यास लिया। यहाँ पर आज भी वह गुफा उसी स्वरूप में है, जिसका द्वार संकीर्ण है। प्रमाणिकता के बावजूद सरकार ओंकारेश्वर में गुुरू स्थान बताती है। प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बगैर महाराज श्री ने नोटबंदी पर भी कटाक्ष किया। शंकराचार्य जी ने कहा कि चिनकी में बाँध बनाने के लिए तैयारियाँ की जा रही हैं जिससे झाँसीघाट के आगे तक का हिस्सा नर्मदा में बने इस बाँध में समाहित हो जाएगा। जंगल की अपनी भूमिका है, जंगल और बड़ा उर्वरा रकबा इस बाँध की चपेट में आने से लोगों की परेशानी बढ़ेगी।

Created On :   1 Jun 2020 4:47 PM GMT

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