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14 शिक्षकों की नियुक्ति व टीईटी प्रमाणपत्रों की होगी जांच
डिजिटल डेस्क, वर्धा। शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले के लिए शासन ने शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य की है। यह परीक्षा उत्तीर्ण हुए अनेक शिक्षक प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में कार्यरत भी हुए। मात्र हालही में सामने आए टीईटी परीक्षा घोटाले के कारण 13 फरवरी के बाद नियुक्त हुए कक्षा पहली से पांचवीं तथा कक्षा छठवीं से आठवीं तक के शिक्षकों की जानकारी तथा टीईटी प्रमाणपत्रों की जांच करने के आदेश राज्य परीक्षा परिषद ने दिए हंै। इस अवधि में जिले में 14 शिक्षकों की नियुक्ति होने की जानकारी सामने आयी है। अब इन शिक्षको की जांच होने वाली है।
राज्य परीक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष तुकाराम सुपे ने पैसे लेकर परीक्षार्थियों के अंक बढ़ाने का प्रकरण हालही में सामने आया है। विशेष बात यानि इन सभी परीक्षा की जिम्मेदारी जिस कंपनी को सौंपी गयी थी, उस कंपनी के संचालक प्रितेश देशमुख यह वर्धा के निवासी होने का सामने आया है। फिलहाल इस प्रकरण के सभी लोग जेल में हंै। इस दौरान हुए परीक्षा की जांच की जा रही है। इस में टीईटी परीक्षा में भी पैसों के जोर पर अंक बढ़ाकर विद्यार्थी उत्तीर्ण किए जाने से यह परीक्षा उत्तीर्ण हुए शिक्षक अब जांच के घेरे में आए हैं।
जिले में 13 फरवरी 2013 के बाद कक्षा पहली से पांचवीं तक के जिला परिषद के शाला में 14 तथा निजी शालाओं में 5 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इस में से 10 शिक्षकों की नियुक्ति यह टीईटी परीक्षा के माध्यम से होने से उनके के रिजल्ट की जांच होने वाली है। साथ ही कक्षा सातवीं से आठवीं के कुल शिक्षकों की संख्या व वर्ष 2013 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों की संख्या की जाानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर अब भी नहीं होने का संंबधित विभाग के कर्मचारी ने बताया है।
मात्र इस विभाग के चार शिक्षकों के परीक्षा के रिजल्ट जांच के लिए भेजे जाने की जानकारी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग जाानकारी के बारे में अपडेट नहीं रहने का अनुभव आया है।
इस कारण शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य शिक्षा परिषद ने अब जांच को गति दी है। टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर 13 फरवरी 2013 के बाद जिला परिषद व निजी शिक्षा संस्थानों में नियुक्त हुए शिक्षकों के टीईटी परीक्षा के रिजल्ट की जांच करने की शुरुआत हुई है। इस कारण अनेक शिक्षकों में दहशत का वातावरण है। अब जांच के अंत में पैसे देकर अंक बढ़ाने का पाए जाने पर शिक्षकों पर कार्रवाई तो होगी ही साथ ही नौकरी से भी उन्हें हाथा धोना पड़ेगा।
वरिष्ठों को भिजवाया प्रस्ताव
निंबाजी सोनवणे, शिक्षाधिकारी, प्राथमिक, िशक्षा वभाग के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत जिले में वर्ष 2013 के बाद जिला परिषद के शाला में 14 तथा निजी शाला में 5 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इस में से 10 शिक्षक यह टीईटी के माध्यम से नियुक्त हुए हैं। इस कारण प्राथमिक की ओर से 10 तथा माध्यमिक की ओर से 4 एेसे कुल 14 शिक्षकों की जांच होने वाली है। इस के लिए इस का प्रस्ताव वरिष्ठों की ओर भेजा गया है।
Created On :   13 Jan 2022 7:40 PM IST