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एंबुलेंस नहीं मिलने से सड़क पर हुआ प्रसव, हड़ताल पर 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी
डिजिटल डेस्क कटनी। जिले मेें स्वास्थ्य सुविधाएं तथा आकस्मिक चिकित्सा सेवा पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है। नवजात शिशुओं की इलाज दौरान मौत से लेकर प्रसूताओं को समय पर जननी एक्सप्रेस तथा इलाज नहीं मिल पा रहा। इस सबके बावजूद घटनाओं के सामने आने पर सुधार की बजाय स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियो से लेकर चिकित्सकीय एवं नर्सिंग स्टाफ अपना-अपना दामन बचाने मेें जुट रहा है।
3 किमी पैदल चली प्रसूता, रास्ते में दिया जन्म
बरही क्षेत्र में एक बार फिर समय पर जननी एक्सप्रेस न मिलने से रास्ते में प्रसव होने का मामला सामने आया है। यह तो गनीमत है कि पिछली बार की तरह इस बार नवजात शिशु की मौत नहीं हुई। हासिल जानकारी अनुसार बरही थानान्तर्गत ग्राम मचमचा निवासी अजय भूमिया की 20 वर्षीय पत्नी निराशा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा जननी एक्सप्रेस को कॉल किया गया लेकिन काफी देर तक जननी एक्सप्रेस नहीं पहुंची तब दोपहर करीब ढाई बजे निराशा अपनी सास के साथ मचमचा से पैदल ही बरही के लिए रवाना हुई। गांव से करीब 3 किमी दूर कुंआ ग्राम पहुंचने पर प्रसूता को असहनीय पीड़ा हुई तथा सड़क किनारे ही प्रसूता द्वारा एक नवजात शिशु को जन्म दिया गया। जिसकी जानकारी बरही अस्पताल प्रबंधन को लगते ही तत्काल ग्राम कुंआ के लिए शाम करीब 4 बजे 108 एम्बुलेंस भेजी गई।
जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ
जिससे जच्चा-बच्चा को बरही अस्पताल लाया गया। जहां दोनों को दाखिल किया गया है। बीएमओ बरही डॉ. आरएम पटेल ने बताया कि बरही क्षेत्र की जननी एक्सप्रेस एक अन्य केस को लेकर अमरपुर गई हुई थी जिसकी वजह से प्रसूता को समय पर जननी एक्सप्रेस नहीं मिल पाई। प्रसव की जानकारी लगते ही तत्काल 108 एम्बुलेंस को मौके पर भेजकर जच्चा-बच्चा को इलाज के लिए बरही अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां दोनों स्वस्थ हैं।
इधर रविवार से थम गए 108 के पहिए
वहीं दूसरी ओर 108 एम्बुलेंस के पहिए रविवार से अनिश्चितकाल के लिए थम गए हैं। 108 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष बृजेश नीरव ने बताया कि जेडएचएल कंपनी की वेतन संबंधी अनियमितताओं सहित अन्य मांगों को लेकर समूचे प्रदेश में 108 एम्बुलेंस कर्मचारी रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। अक्टूबर माह का वेतन न मिलने से जहां 108 एम्बुलेंस कर्मचारी नाराज हैं तो वहीं समय पर वेतन न मिलने की मुख्य मांग सहित वेतन वृद्धि, 8 घंटे से अधिक कार्य पर ओवर टाइम दिए जाने तथा एम्बुलेेंसों में आक्सीजन व दवाओं की अनुपलब्धता को लेकर भी हड़ताल की जा रही है।
कंपनी और कर्मियों के बीच पिस रहे मरीज
पिछले कुछ माहों में लगातार यह देखने को मिला है कि समय पर वेतन न मिलने से 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं। कुछ दिनों की हड़ताल के बाद नियोक्ता कंपनी कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर देती है और हड़ताल समाप्त हो जाती है। लेकिन कंपनी और कर्मचारियों के बीच इस खींचतान का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता रहा है। इस बार भी महज एक माह का वेतन भुगतान न होने पर मरीजों की जान पर मंडरा रहे खतरे को दरकिनार कर 108 एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं और हर बार की तरह नियोक्ता कंपनी जेडएचएल अपने अडिय़ल रवैए को बरकरार रखे हुए है। पिछले एक वर्ष मेें करीब आधा दर्जन बार इस तरह की हड़ताल हो चुकी है और हर बार नुकसान मरीजों के हिस्से में ही आया है।
Created On :   20 Nov 2017 1:32 PM IST