गांव तो दूर एमपी के शहर भी नहीं हो पाए खुले में शौच मुक्त

the city of mp were not able to get free from the open defecation
गांव तो दूर एमपी के शहर भी नहीं हो पाए खुले में शौच मुक्त
गांव तो दूर एमपी के शहर भी नहीं हो पाए खुले में शौच मुक्त

डिजिटल डेस्क उमरिया । प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान की तजऱ् पर शहर को खुले में शौच से मुक्त घोषित करना टेड़ी खीर साबित हो रहा है। अभियान शुरूआत के साथ प्रथम सर्वे में तय शौचालय ही अभी तक पूर्ण नहीं हुये। दिसंबर में शहरीक्षेत्र को ओडीएफ करने का लक्ष्य है। महज 33 फीसदी शौचालय निर्माण प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। खासकर चंदिया तथा उमरिया निकाय की हालत बेहद पतली है। दूसरी ओर निर्माण कार्य में देरी से आज भी लोग खुले में शौच करने मजबूर हैं।
तीन साल से रसीद लिये घूम रहे आवेदक
हाल ही में नगर पालिका उमरिया को दिसंबर में ओडीएफ घोषित किया जाना है। लोगों को शौच मुक्त करने सूचना भी जारी कर दी गई है। बकायदा नपा अधिनियम के तहत लोटा लेकर जाने वालों पर कार्रवाई का उल्लेख भी किया गया है। दूसरी ओर उपाध्यक्ष वार्ड रमपुरी, खलेशर तथा जमुनिहा में आज भी लोग शौचालय निर्माण की रसीद लेकर निर्माण की राह ताक रहे हैं। खलेशर वार्ड क्रमांक आठ में तो लोगों को पता ही नहीं था कौन-कौन पात्र हितग्राही हैं। कलेक्टर के सामने उजागर कमी पर सूची सार्वजनिक स्थल में चस्पा की गई। अब शहरी विकास अभिकरण में आवेदन लेकर नये सिरे से हितग्राही द्वारा निर्माण की पहल की जा रही है।
चक्कर कटवाते हैं बाबू
वर्ष 2015 से नगरीय निकाय में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण का कार्य आरंभ हुआ था। कुछ प्रतिशत अनुदान पर हितग्राही को 12 हजार 240 रुपए दो किश्तों में दिये जाने थे। ज्यादातर निकायों में हितग्राही की बजाय ठेके में काम दिया गया। हकीकत यह है कि भ्रष्ट व कमीशन के चक्कर में हितग्राही नपा पर भरोसा नहीं कर पाये और अंशदान न मिलने से निर्माण कार्य शुरू होने में बड़ी बाधा आ रही है। इसी चक्कर में जिन हितग्राहियों ने रसीद भी ली, उनका निर्माण नहीं हुआ। यही नहीं रिकार्ड अपूर्ण बताकर चक्कर कटवाने की भी शिकायतें कलेक्टर के समक्ष आ चुकी हैं।
एक नजर लक्ष्य और प्रगति पर
वर्ष 2015 से अब तक उमरिया, पाली, नौरोजाबाद तथा चंदिया निकाय में 5169 शौचालय स्वीकृत हुये हैं। 2017 दिसंबर शुरूआत में महज 33 प्रतिशत यानि 1720 ही बनाये जा सके हैं। निर्मित शौचालयों में लक्ष्य के अनुपात उमरिया में 1693 में 630, पाली के 690 में 240, नौरोजाबाद 996 में 650 तथा चंदिया नगर पंचायत में 1790 आवेदकों के मुकाबले महज 200 के शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं।
चंदिया व उमरिया की बुरी हालत
दो साल पहले लक्ष्य के अलावा भी अधिकारी व मंत्री के निरीक्षण में नये-नये पात्रताधारियों के आवेदक सामने आ रहे हैं। शहरी विकास अभिकरण से मिली जानकारी अनुसार शौचालय निर्माण की सबसे बुरी स्थिति चंदिया और उमरिया नगर पालिका की है। चंदिया नगर पंचायत में 11 तथा उमरिया में 37 फीसदी शौचालय बनाये जा सके हैं। मंद गति निर्माण पर उमरिया एई तथा चंदिया सब इंजीनियर को नोटिस भी जारी हो चुके हैं।
इनका कहना है
निर्माण में देरी पर निकाय के इंजीनियरों को नोटिस जारी की जा चुकी है। अब हितग्राही अंशदान देकर स्वयं भी निर्माण करवा सकते हैं। उमरिया निकाय में 31 दिसंबर तक शौचालय न होने की स्थिति में नपा अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की जायेगी।
डीएस परिहार, शहरी विकास एवं अभिकरण अधिकारी उमरिया।

Created On :   29 Nov 2017 4:45 PM IST

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