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साढ़े 4 करोड़ के फर्जीवाड़े पर कलेक्टर साइलेंट जोन में !
डिजिटल डेस्क, कटनी। भू-अर्जन मुआवजा को लेकर हुए साढ़े चार करोड़ रूपए के फर्जीवाड़े में अब तक कलेक्टर का साइलेंट जोन में होना जहां हैरत का विषय है। वहीं पुलिस द्वारा भी जांच की बात कह मामले को लटकाया जा रहा है। जबकि पुलिस फर्जीवाड़े का अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में ले सकती थी। जबकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि बैंकों को जारी हुए चैक फर्जी थे या असली।
बैंक प्रबंधन को नोटिस
माधवनगर पुलिस द्वारा सेंट्रल बैंक प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि भू-अर्जन शाखा से जारी चैक क्लीयरेंस के लिए किन-किन बैंकों की किन-किन शाखाओं को कब-कब भेजे गए थे। जवाब के लिए पुलिस ने बैंक प्रबंधन को सोमवार तक का वक्त दिया है। इसके अलावा भू-अर्जन शाखा की लिपिक चंद्रकला माहौरे से इस बात का भी जवाब मांगा गया है कि जब जिला पंचायत सीईओ फे्रंक नोबल ए प्रभार में थे तो उनके हस्ताक्षर के सेंम्पल भू-अर्जन शाखा के खातों से संबंधित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक को क्यों नहीं भेजे गए। बैंक प्रबंधन ने प्रभार बदलने की जानकारी न होने की बात पूछताछ में पुलिस को बताई है। वहीं अभी तक एडीएम द्वारा शाखा से संबंधित जिन चैकों को ओरिजनल बताया जा रहा है उसे भी पुलिस के सामने पेश नहीं किया गया है।
बैंक प्रबंधन ने की सीबीआई में शिकायत
फर्जीवाड़े को लेकर बैंक प्रबंधन तथा प्रशासन द्वारा एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप मढ़े जाने से जहां बैंक प्रबंधन मामले को लेकर हिला हुआ है वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश के संबंधित विभाग के आला अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। प्रशासन द्वारा बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद अब अपनी गर्दन बचाने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की रीजनल ब्रांच द्वारा संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कराये जाने सीबीआई में शिकायत की है।
पहली बार चैक में दिखा यह सब
भू-अर्जन शाखा द्वारा जारी जिन चैकों के माध्यम से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है उन चैकों में कई ऐसे बिन्दु सामने आए जो फर्जीवाड़े की साजिश की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। इन 53 चैकों में चैक धारक का नाम अंगे्रजी में लिखे जाने तथा नाम के ठीक बाद एकाउंट नंबर भी अंकित है जो अमूमन उक्त शाखा द्वारा अन्य चैकों में नहीं किया जाता।
विस में गूंजेगा मुद्दा
कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि किसानों के मुआवजे की राशि को फर्जी तरीके से निकालने में अफसरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आगामी 27 नवंबर से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र में इस मामले को ध्यानाकर्षण में लगाया जाएगा।
Created On :   19 Nov 2017 12:11 PM IST