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अफसर बनने का सपना धूमिल हुआ - प्रशासनिक सेवा परीक्षा की कोचिंग के बंद
डिजिटल डेस्क कटनी । जिले के होनहार विद्यार्थी सरकारी अफसर बनने का जो सपना पाले हुए हैं,अब उस सपना को पूरा करने के लिए युवाओं को कई तरह की मशक्कत करनी पड़ेगी। दरअसल प्रशासन ने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के लिए जिस कोचिंग की शुरुआत की थी। तीन वर्ष बाद उस पर अघोषित रुप से ताला लग गया। कोचिंग बंद हो जाने का नुकसान सबसे अधिक आर्थिक रुप से कमजोर युवाओं को होगा। पीएससी जैसे परीक्षा की तैयारी में अब आर्थिक बाधा पहुंचेगी। जिससे युवाओं का यह सपना अधूरा ही रह जाएगा। केसीएस स्कूल के जिस हाल में सैकड़ों युवा शासकीय सेवक का सपना लेकर पढऩे के लिए पहुंचते थे। अब उस हाल की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। कोचिंग बंद होने की जानकारी तो विद्यार्थियों को है, लेकिन अफसर इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
अफसरों के पास समय नहीं
भारत निर्माण कोचिंग संस्था में वे प्रशासनिक अफसर शिक्षक बनकर पढ़ाते थे, जो स्वयं ही पीएससी परीक्षा उत्र्तीण कर प्रशासनिक पदों पर पहुंचे। इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों को एक प्रक्रिया के तहत दी जाती। जिससे की अधिकारी अपनी डयूटी भी करते रहें और कोचिंग कक्षाओं का भी विधिवत रुप से संचालन हो। शाम को एक घंटे का समय अधिकारी निकालकर कोचिंग में पहुंचते थे। लेकिन जनवरी माह से ऐसे अफसर यहां से मुंह फेर लिए। जिसके बाद कोचिंग कक्षाएं बंद हो गई।
उपलब्धियों का रहा सफर
यह कोचिंग संस्था होनहार विद्यार्थियों को उन ऊंचाईयों तक पहुंचाया। जिस ऊंचाईयों में युवा पहुंचना चाहते थे। तीन वर्ष के अंतराल में यहां से तीन युवाओं को शासकीय सेवा में जाने का मौका मिला। राहुल तिवारी यहीं से अध्ययन कर मंडी निरीक्षक का सफर तय किए। इसके बाद राहुल धुर्वे जो पीएससी की दोनों परीक्षा उत्र्तीण करते हुए अपना और कोचिंग का नाम रोशन किए। पीएससी की एबीसीडी सिखाने के बाद 25 युवा इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों में तैयारी कर रहे हैं। चार से पांच युवा ऐसे हैं, जो तैयारी करते हुए ऑनलाइन कोचिंग कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं।
युवाओं ने कहा मिली रोशनी
इस कोचिंग में पढऩे वाले युवाओं का कहना है कि इससे उन्हें एक नई रोशनी मिली है। पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि वे बी.टेक की पढ़ाई कर चुके हैं।भोपाल में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहे थे। बीच में कटनी आए तो पता चला कि यहां पर इस तरह की कोचिंग कक्षाएं संचालित हो रही है। जिसके बाद तैयारी करते हुए इन्होंने पीएसी की प्रारंभिक परीक्षा उत्र्तीण की अब मेन्स की तैयारी कर रहे हैं। सारिका मिश्रा ने कहा कि बेटियों के लिए यह नवाचार अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। घर में रहकर ही पीएससी परीक्षा की तैयारी उनके जैसी कई छात्राएं कर रही थी। बीच में पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं पहुंचे। कुछ दिनों तक सभी छात्राएं कक्षाएं पहुंचते रहे। बाद में सभी ने जाना बंद कर दिया।
इनका कहना है
भारत निर्माण कोचिंग संस्था में नए बैच को पढ़ाने की तैयारी की जा रही है। शिक्षक मिलने पर फिर से नि:शुल्क कोचिंग कक्षाएं संचालित की जाएगी।
- विवेक दुबे, नोडल अधिकारी
Created On :   26 Feb 2020 3:25 PM IST