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पुनर्वासित गांव को नहीं मिला वैधानिक दर्जा, फिर भी कहलाते हैं आदर्श गांव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र के चार जिलों रीवा, सीधी, शहडोल और सतना में किसानों को नहरों के द्वारा सिंचाई सुविधा देने के लिये 14 मई 1978 में शहडोल जिले में बाणसागर बांध परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था और बांध का कार्य 25 सितम्बर 2006 को पूरा भी हो चुका है। परन्तु इस परियोजना से डूबे 81 गांवों को खाली कराकर इनमें रहने वाले ग्रामीणों को इन चारों जिलों में अन्य स्थानों पर पुनर्वासित कर दिया गया था और इन्हें अब आदर्श ग्राम घोषित तो कर दिया गया है, परन्तु आज भी इन्हें वैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है।
सतना जिले की अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक एवं वर्तमान में मप्र विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने इन आदर्श गांवों को वैधानिक दर्जा दिलाये जाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने राज्य सरकार से कहा है कि, इन सभी आदर्श गांवों को राजस्व गांव घोषित किया जाए, जिससे इन्हें भी अन्य राजस्व गांवों की तरह वैधानिक दर्जा मिले जिससे उन गांव के लोग भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
एमपी विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि, "मेरे अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र में करीब आधा दर्जन आदर्श ग्राम हैं जो कि बाणसागर परियोजना के तहत पुनर्वासित किए गए हैं। लेकिन इन्हें अभी तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है जिसके कारण आदर्श ग्राम होने के बाद भी इन गावों को वैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं हैं। उन्होंने बताया की इस विषय पर उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखा है कि इन गांवों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए।
वहीं एनवीडीए भोपाल के अपर संचालक रजा खान ने कहा कि, सरदार सरोवर परियोजना में विस्थापित गांवों को पुनर्वास स्थल पर बसाया गया है। उन्होंने कहा उन गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करने का काम राजस्व विभाग का है यह हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता है।
सरदार सरोवर प्रोजेक्ट में भी यही स्थिति
इधर सरदार सरोवर परियोजना के तहत डूब प्रभावित हजारों गांवों को खाली कराकर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने उन्हें कहीं अन्यत्र खाली भूमि पर पुनर्वासित तो कर दिया गया है परन्तु वे भी अब तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किए गए हैं।
गौरतलब है कि, बाणसागर परियोजना में खाली हुए कुल 81 गावों में से सतना जिले के 50, शहडोल जिले के 22, कटनी जिले के 6 तथा उमरिया जिले के 3 गांव शामिल हैं। पुनर्वासित गांवों को संबंधित ग्राम पंचायतों अथवा नगर परिषदों को हस्तांतरित तो कर दिया जाता है लेकिन वे अभी तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं हो पाए हैं।
Created On :   5 Sept 2017 8:46 PM IST