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सूने रहे स्कूल, गिनती के बच्चे ही पहुंचे - सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे अभिभावक
डिजिटल डेस्क उमरिया । सरकार ने 9-12 की कक्षाओं को आशंकि तौर पर संचालित करने की छूट दी है। आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों के साथ इसका परिपालन होगा। तीसरे दिन भी मुख्यालय की ज्यादातर स्कूलों में कक्षाएं सूनी रहीं। शिक्षक जरूरी आए पर बच्चों की संख्या इतनी नहीं रही कि पीरियड लग पाए। केवल चिन्हित प्रश्नों के उत्तर लेकर छात्र लौट गए। अभिभावकों से बात करने पर उन्हें मौजूदा स्थिति मुनासिब नहीं लग रही है।
सुबह होते ही सोमवार, मंगलवार को पहली बार जिला मुख्यालय में पढ़ाई के लिए स्कूलों का ताला खुला था। शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी, उत्कृष्ट माध्यमिक तथा कॉलरी स्कूल ये ऐसे संस्थान हैं, जहां हर साल बच्चों की उपस्थिति हजारों में रहती है। सुबह 10.30 बजे कॉलरी स्कूल में एक्का दुक्का संख्या में छात्र दिखे। पीयूष सिंह का प्रवेश दसवी में हुआ था। छात्र ने बताया वह ऑनलाइन एप पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। शासकीय कन्या स्कूल के बाहर भी छात्राएं नदारद मिलीं। शिक्षकों ने बताया अभिभावकों के पत्र नहीं आ रहे हैं। संभव है समय के साथ उपस्थिति बढ़े। इसी तरह उत्कृष्ट विद्यालय में भी 11 बजे तक कैम्पस के भीतर छात्रों की चहल-पहल नदारद रही। स्कूल प्रबंधन ने बताया अभिभावकों की सहमति बहुत कम मात्रा में है। हम अपनी तरफ से हैंडवाश, सैनटाइजर सहित अन्य उपाय पुख्ता रखते हुए तैयार हैं।
एप पर जता भरोसा
विकटगंज निवासी अभिभावक देवेन्द्र सिंह मरावी का कहना है स्कूल बंद हुए तीन माह हो चुके हैं। बच्चे मोबाइल व टीवी के माध्यम से अब रूटीन शिक्षा में फोकस कर रहे हैं। शहर में संक्रमण को देखते हुए व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं है। अभिभावक पूजा तिवारी का मानना है वर्तमान में डेढ़ सौ से अधिक सक्रिय मरीज है। प्रतिदिन 20 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में भला बच्चे कैसे सुरक्षित रह पाएंगे। वे स्वाभाव से ही चंचल होते हैं।
इनका कहना है
सभी प्राचार्यों को पत्र लिखकर गाइड पालन कराने के लिए कहा है। प्रथम दिन कॉलरी स्कूल में कुछ बच्चे आए थे। अपनी टीसी आदि कार्यों के लिए।
उमेश धुर्वे, डीईओ उमरिया
Created On :   23 Sept 2020 6:25 PM IST