भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट : महिलाओं से नहीं छूट रहा चूल्हे का मोह

The Temptation of stove is not exempt from women in katni
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट : महिलाओं से नहीं छूट रहा चूल्हे का मोह
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट : महिलाओं से नहीं छूट रहा चूल्हे का मोह

डिजिटल डेस्क,कटनी। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना गरीब महिलाओं के लिए चलाई गई थी, लेकिन अभी भी कई महिलाएं चूल्हे पर खाना बना रही है। "भास्कर" की ग्राउंड रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। शहर से लगी जुहला और जुहली पंचायत के दो दर्जन से अधिक घरों में उज्जवला गैस महज शो-पीस बनकर रह गई है। इतना ही नहीं महिलाओं ने चूल्हे को सिलेडर से अलग कर दूसरी जगह पर रख दिया है, वहीं गैस कनेक्शन मिलने के एक सप्ताह तक ही इसमें खाना पकाया है। इसके पीछे चाहे महिलाओं की चूल्हे में खाना पकाने की आदत हो या फिर रिफलिंग खर्च नहीं उठा पाने की मजबूरी। महिलाएं खुलकर कुछ नहीं कह रही हैं। 

कनेक्शन लेने की होड़
जुहला और जुहली पंचायत में जिन्हें उज्जवला योजना के तहत गैस का कनेक्शन मिल चुका है, इनकी तरह दूसरी महिलाओं में भी गैस पाने के लिए होड़ मची हुई है। गांव के 70 फीसदी से अधिक लोगों ने एजेंटों को पैसा देकर फॉर्म भरवाया और जमा भी कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि फॉर्म भरने की एवज में कुछ एजेंट 100 रूपए प्रति आवेदन की दर से वसूली कर रहे हैं। इतना ही नहीं गैस कनेक्शन नहीं मिलने से पंचायत से लेकर जनसुनवाई तक में शिकायत कर रही हैं। इन सबके बाद अहम सवाल यह उठता है कि कनेक्शन पाने के लिए भले ही होड़ मची हुई है, लेकिन धुएं में खाना पकाने की आदत इनका परिवार दूर नहीं कर पा रहा है। 

लकड़ी की उपलब्धता योजना पर भारी 
ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को लकड़ी और कंडे की उपलब्धता के चलते वे गैस की रिफलिंग में पैसा खर्च नहीं करना चाहते है। इसके पीछे यह भी वजह बताई जा रही है कि परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होने की वजह से महिलाएं गैस में खाना नहीं पका रही हैं। महिलाएं गांवों में उपलब्ध लकड़ी और कंडे से चूल्हों में खाना पकाकर रिफलिंग का खर्च बचाने की कोशिश कर रही हैं। जुहली पंचायत की महिलाओं से चर्चा में यह बात सामने आई है कि रिफलिंग के साथ ही उन्हें सब्सिडी के 54 रूपए चुकाने होंगे। यदि गैस की खपत कम होगी तो जल्दी रिफलिंग नहीं करानी पड़ेगी। 

47 हजार का लक्ष्य
जिले में उज्जवला कनेक्शन के लिए कराए गए सर्वे के बाद विकासखंडों के लिए 47 हजार का टॉरगेट दिया गया था। जबकि सर्वे सूची में अभी तक 46 हजार 477 हितग्राही ही पात्र पाए गए हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी बीबीएस सेंगर का कहना है कि पात्रता के आधार पर विकासखंडों में उज्जवला गैस का कनेक्शन हितग्राहियों को दिया जा चुका है। जिले में सिर्फ 533 लोगों को ही गैस कनेक्शन वितरित करना बाकी है। 

Created On :   23 Aug 2017 4:56 AM GMT

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