बसों की सच्चाई - इमरजेंसी गेट में नहीं हैंडल, फस्र्ट एड बॉक्स गायब, बैक साइड की लाइट खराब

The truth of buses - no emergency gate handle, first aid box missing, back-side lights gone bad
बसों की सच्चाई - इमरजेंसी गेट में नहीं हैंडल, फस्र्ट एड बॉक्स गायब, बैक साइड की लाइट खराब
बसों की सच्चाई - इमरजेंसी गेट में नहीं हैंडल, फस्र्ट एड बॉक्स गायब, बैक साइड की लाइट खराब

कई वाहनों में नंबर भी नहीं - यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे संचालक, आरटीओ विभाग भी बना रहता है अंजान

डिजिटल डेस्क कटनी । सीधी बस हादसे के बाद कटनी में भी बसों के संचालन को लेकर आरटीओ विभाग कटघरे में है। सरकार के आदेश के बाद तो मैदान में अधिकारी कार्यवाही करने की मंशा को लेकर जरुर उतरे, पर मुख्यालय के प्रियदर्शनी बस स्टैण्ड से नजरें फेरे रहे। जिससे यात्री कंडम बसों से एक-दूसरे जगह पर आवागमन करते रहे। बसों में फस्र्ट एड बॉक्स भी गायब रहे। इतना ही नहीं कई बसों में इमरजेंसी गेट का हैण्डल भी टूटा रहा। अन्य दिनों की अपेक्षा बुधवार को बसों में जरुर क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाने में बस ऑपरेटर परहेज किए। प्रशासन के एक्शन में आने पर इतना जरुर कहते हुए सुनाई दिए कि भैया आज नहीं, रास्ते में बसों की चेकिंग अधिकारी कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने जब बस स्टैण्ड में सेहतमंद बसों की जांच की, तो कुछ बसें ऐसी भी नजर आई। जिन्हें देखकर ही कोई कह सकता है कि ये बसें बीमार है। इसके बावजूद अफसरों ने उन्हें फिटनेस का प्रमाण पत्र दे दिया है।
 दो वर्ष में हुई दिखावे की कार्यवाही
दो वर्ष में आरटीओ और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर कार्यवाही जरुर की, लेकिन यह कार्यवाही दिखावे के लिए रही। दो साल में 84 लाख रुपए की चालानी कार्यवाही में आरटीओ की सहभागिता करीब दस प्रतिशत ही रही। अफसरों को तो यह भी नहीं मालूम की दो वर्ष के अंतराल में उन्होंने कितने बसों पर चालानी कार्यवाही की है। आरटीओ विभाग के ही जानकार बताते हैं कि अफसर कार्यवाही करने के लिए मैदान में तभी उतरते हैं। जब सरकार का डंडा चलता है। यह बात अलग है कि कार्यवाही की पटकथा पहले ही कार्यालयों में बैठकर तैयार कर ली जाती है। जिसके चलते महज 50 बसों पर ही कार्यवाही हुई है। जुर्माने के रुप में करीब दस लाख रुपए की राशि लगाई गई है।
मैदान में निकले तो सामने आई मनमानी
बुधवार को मैदान में जब आरटीओ अफसर कार्यवाही के लिए निकले तो बस संचालकों की मनमानी से परदा भी हटा। यातायात पुलिस और आरटीओ की संयुक्त कार्यवाही में दो बसें तो ऐसी भी मिले। जिनमें किसी तरह के दस्तावेज भी नहीं रहे। दोनों बसों को कुठला थाने में खड़े कराते हुए दस्तावेज लाने का समय अफसरों ने दे दिया है। अफसर जब-जब मैदान में उतरे तब-तब इस तरह की गड़बड़ी सामने आई।
इनका कहना है
बसों में यात्री सुरक्षा को लेकर विभाग पूरी तरह से गंभीर हैं। बुधवार को चेकिंग में दो बसें ऐसी मिली। जिनमें दस्तावेज नहीं रहे। दोनों बसों को थाने में खड़ा कराया गया है। समय-समय पर बसों की जांच की जाती है।
एमडी मिश्रा, आरटीओ
 

Created On :   18 Feb 2021 6:28 PM IST

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