लालटेन युग में जी रहे हैं 10 गांव के लोग: 5करोड़ का बजट हो चुका लैप्स

there is no light in 10 villages of mp after 70 years of independence
लालटेन युग में जी रहे हैं 10 गांव के लोग: 5करोड़ का बजट हो चुका लैप्स
लालटेन युग में जी रहे हैं 10 गांव के लोग: 5करोड़ का बजट हो चुका लैप्स

डिजिटल डेस्क  उमरिया । जहां से प्रदेश को अंधेरे से रोशनी का चिराग दिखता है, वहीं उजाला करना भूल गये अफसर। यह दुर्दशा आजादी के सात दशक बाद विधायक गांव छांदाकला से पांच तथा संजय गांधी पावर हाउस से 20 किमी. दूर बंधवाटोला ग्राम पंचायत की है। पंचायत के चंगेरा, चण्डाली, बेहरहा, भिमलाटोला, सोठानी ये ऐसी बस्तियां हैं जहां 700 की आबादी अंधेरे में जी रही है। ऐसा भी नही है कि विद्युतीकरण के लिए पैसे की कमी थी। सालों पहले पांच करोड़ रुपए योजना व काम न होने से लैप्स हो गये। अब जनता के चुने गये नुमाइंद व प्रशासन पीएम की नई विद्युतीकरण योजना का आश्रय लगाये बैठे हैं।
बेकार गया राष्ट्रीय पर्व में पास हुआ प्रस्ताव
ग्राम पंचायत बंधवाटोला के मुताबिक 15 अगस्त 2017 को राष्ट्रीय पर्व के उपलक्ष्य में सभी पंचों की उपस्थित विद्युतीकरण का प्रस्ताव पास हुआ था। सरपंच अनीता सिंह सहित 11 पंचों ने एक सुर में चंगेरा चण्डालीटोला, भिमलाटोला, बेहरहा, सोठानी, बरहायीटोला, मोटवार तथा नायक मोहल्ला में बिजली की महत्ता पर मुहर लगाई थी। नियमानुसार गांव से प्रस्ताव जनपद व जिला पंचायत भेजा गया।  दो माह बाद भी जनप्रतिनिधियों की बात फाइलों में कैद है। अब दोबारा नया प्रस्ताव आदिवासी विभाग को सौंपा गया है।
देश दुनिया से विरक्त, लालटेन से पढ़ाई
पंचायत की आधा दर्जन बस्तियों में ज्यादातर तो ऐसी हैं जहां 80 प्रतिशत जनसंख्या बैगा बाहुल्य है। बिजली न होने से ग्रामीण परिवार में सबसे ज्यादा बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता है। बच्चे लालटेन व चिमनी के सहारे घरों में पढ़ाई करते हैं। गांव में धान, कोदो, भुट्टा, राहल, रमतिला, चना तथा मटर जैसी आदिवासी बाहुल्य खेती होती है। इस साल तो बारिश के दगा देने से खेती भी घाटे का सौदा साबित हुई है। संचार सेवाएं भी बदहाल हैं। देश दुनिया का हाल, डिजिटल इण्डिया जैसी योजनाएं ग्रामीणों से कोसो दूर हैं। गांव के जनप्रतिनिधियों ने बताया पिछले 10 सालों में कलेक्टर, कमिश्नर से लेकर विधायक, सांसद व प्रभारी मंत्री को भी आवेदन दिया जा चुका है।
गांव ही पता नहीं
मुझे बंधवाटोला गांव के बारे में जानकारी नहीं है। हो सकता है पहले कोई योजना न रही हो। वर्तमान में पीएम की नई योजना से गांव में बिजली पहुंचाई जायेगी।
शिवेन्द्र सिंह, डिवीजन इंजीनियर उमरिया।
नई बसाहट है, पहाड़ व जंगल भी है
ये सभी बस्तियां पहाड़ व जंगलों में बसी हुई हैं। पूर्व में पूरे गांव में विद्युतीकरण के लिए कोई योजना नहीं थी। अब सभी जगह पीएम की नई योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचेगी।
शिवनारायण सिंह, विधायक बांधवगढ़।

 

Created On :   9 Nov 2017 1:19 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story