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शहर के नजदीक आ धमका 35 हाथियों का झुंड, 50 किसानों के खेत में खड़ी फसल उजाड़ दी
डिजिटल डेस्क उमरिया। शहर में लोग सोमवार की सुबह आंख मीचते हुए बिस्तर से उठे ही थे कि जंगली हाथियों की खबर ने हड़कंप मचा दिया। एनएच 43 से लगे लालपुर, जमुनिहा के खेत में फसल चौपट थी। खेत में पैरों के निशान, मलमूत्र आदि फैला हुआ था। हिम्मत जुटाकर लोग उनके नजदीक पहुंचे। इस दौरान हांथी लोगो को दौड़ा रहे थे। जैसे-जैसे दिन चढ़ा हाथी बिलाईकाप महिमार गांव के पास नाले में थम गए। इनकी संख्या 30-35 थी। दो दलों में बंटे झुंड में 3-4 छोटे बच्चे भी हैं। इधर शहर के नजदीक हाथी होने की खबर आग की तरह फैली। दिनभर महिमार में तमाशबीन लोगों की भीड़ लगी रही। खतरे को देखते हुए सीसीएफ शहडोल ने दो रेंज, रेंजर व एसडीओ की तीन दर्जन टीम को मुस्तैद करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है यह पहला मौका है जब जिला मुख्यालय की किसी बस्ती के इतने नजदीक जंगली हाथी पहुंचे।
वैसे तो बांधवगढ़ में पिछले तीन साल से 40 से अधिक जंगली हाथियों का दल सक्रिय है। यह पहला मौका है जब यह झुण्ड शहर के इतने नजदीक आ धमका। एनएच 43 हाईवे वार्ड क्रमांक दो को हिस्सों में बांटती है। लालपुर के सामने हाईवे के जमुनिहा, बिलाईकॉप वाले छोर में हाथी पहुंचे थे। गनीमत रही कि मूवमेंट रात में हुआ। खेतों में धान की फसल बाली का आकार ले रही थी। रातोरात पहुंचे झुंड ने खेतों में घुसते हुए भरपेट खाया। फिर मस्ती से रौंधते हुए वापस बिलाईकाप, महिमार की तरफ आराम फरमाने लगा। अचानक मूवमेंट से चार गांव के 50 से अधिक किसानों की फसल को नुकसान का अनुमान है।
पहली बार शहर के नजदीक आए
गांव के बुजुर्ग, विद्वान बताते हैं यूं तो बिलाईकाप, पिपरिया, जमुनिहा, महिमार, बड़ेरी का क्षेत्र बरबसपुर से लगा हुआ है। यह इलाका धमोखर बफर की सीमा के पास पड़ता है। इस कारीडोर में बाघ, तेंदुए का मूवमेंट हुआ है। जंगली हाथियों ने पहली बार यहां का रूख किया है। जमुनिहा लालपुर तो नगर पालिका का वार्ड क्रमांक दो है। यही कारण है कि लोग खेत से लेकर आबादी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हो रहे हैं। यहां का जंगल वन विकास निगम व सामान्य वन मंडल में है। महाप्रबंधक निगम का कहना है वे संयुक्त टीम के साथ मिलकर सुरक्षा के उपाय करने में लगे हुए हैं।
सीसीएफ भी पहुंचे, दो डिवीजन का बल तैनात
लकड़ी नीलामी के दौरान शहडोल सीसीएफ पीके वर्मा सोमवार को उमरिया आए हुए थे। शाम को उन्होंने भी एसडीओ उमरिया आरबी द्विवेदी, पाली आरएल शर्मा, एसडीओ वन विकास निगम व्हीसी त्रिपाठी तथा रेंजर उमरिया धीरेन्द्र सिंह के साथ स्थल का जायजा लिया। श्री वर्मा ने कहा हाथी शहर की तरफ न बढऩे पाए। इसके लिए बचाव में बर्तन, तेज ध्वनि, मशाल आदि का उपयोग करें। जंगल से लगे गांव में आबादी को नुकसान से बचाने दोनों विभाग की टीम को संयुक्त मोर्चे पर लगाया गया। 20-30 वनकर्मी, दो अनुभाग उमरिया व पाली के एसडीओ को तमाम बल समेत सुरक्षाकार्य व गश्त में तैनात किया गया है।
इनका कहना है -
पिपरिया बिलाईकाप से हाथियों का दल पहुंचा है। हमारा अमला बांधगवढ़ की टीम के साथ लगा हुआ है। हाथियों का मूवमेंट शाम को हुआ है। दिनभर महिमार के जंगल में इन्हें देखा गया है। हमारा रेंज अफसर, एसडीओ मौके पर गया हुआ है।
आरएस सिकरवार, डीएफओ उमरिया।
टैरोटोरियल व पार्क प्रबंधन के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई हो रही है। कोशिश कर रहे हैं कि रिहायशी इलाके से दूर जाए ये लोग। मौके पर कार्रवाई जारी है।
एके चोपड़ा, संभागीय महाप्रबंधक निगम
Created On :   28 Sept 2020 6:56 PM IST