आकाशीय बिजली गिरने से तीन घायल, ओले से फसलें चौपट

Three injured due to celestial energy, crops died due to hailstorm
आकाशीय बिजली गिरने से तीन घायल, ओले से फसलें चौपट
आकाशीय बिजली गिरने से तीन घायल, ओले से फसलें चौपट

डिजिटल डेस्क, उमरिया। रविवार को एक बार फिर मौसम ने करवट ली। तेज हवाओं के साथ जब आकाशीय बिजली गिरी, तो उसमें तीन लोग घायल हो गए। वहीं चने के बराबर ओले गिरने से फसलें चौपट हो गई हैं। आंधी और तूफान के साथ हुई बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। वहीं अब किसान अपनी फसल का उचित मुआवजा देने की मांग सरकार से कर रहे हैं।

गौरतलब है कि रविवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। पहले हल्की बूंदाबांदी हुई फिर मौसम साफ हो गया। बादलों के चलते दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। अधिकतम 25 व न्यूनतम 14 डिसे. रिकार्ड किया गया है। शाम होते होते आकाश में तेज गर्जना शुरु हो गई। क्षेत्र के पाली व नौरोजाबाद एरिया में आकाशीय बिजली की तीन घटनाएं भी हुईं। साथ ही चंदिया से लगे दुब्बार, बांका, पतरेई सहित आधा दर्जन गांव में चने आकार के ओले गिरे हैं।

ज्यादा बारिश से दलहनी फसल को नुकसान
किसानों की मानें तो खेतों में तिलहन व दलहन की फसल पककर कटाई व गहाई की स्थिति में है। मानपुर तथा चंदिया व नौरोजाबाद से लगे पहाड़ी इलाकों में दलहन बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। बुधवार शाम हुई बारिश यदि रात में और तेज हुई तो इनके पौधे खेत में ही खराब होने लगेंगे। खासकर दलहन में मसूर, सरसो, मटरी तथा चने के पौधों की ज्यादा देखरेख की आवश्यकता है।

मार्च के माह में ठण्ड का अहसास
हफ्तेभर से चल रही बादलों की लुकाछिपी के चलते मार्च के माह में तापमान 30 डिसे पर बना हुआ है। गत वर्ष मार्च के समय में पारा 37 डिसे की आग उगल रहा था। रविवार को दिनभर चलती रही ठण्ड हवाओं के चलते तापमान में ठण्ड बढ़ गई है। मौसम विभाग अनुसार यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोप के कारण बना है। सोमवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे। मंगलवार से मौसम खुलने की संभावना है। मौसम खुलने के साथ ही दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी होगी। तापमान 30 डिसे से ऊपर पहुंच जाएगा। हालांकि रात में तापमान में फिलहाल ज्यादा अंतर नहीं आएगा।

फसलों का नुकसान
इधर बे-मौसम बारिश की वजह से अलसी, आम, महुआ, की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है। वहीं हवाओ के कारण गेहूं की फसल भी बिछ गई है। शहडोल कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी ने बताया कि फसलों में दाने में आ गए हैं। ऐसे में इस बारिश की वजह से दानों के आकार में अंतर आएगा। कृषि विभाग अनुसार जिले में इस सीजन 6266 हजार हेक्टयर में रबी की खेती की गई है। इनमे गेहूं की फसल के लिए 4100, चना 1052, मटर 103, मसूर 465, राई सरसो 350 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। खेतों में गेहूं की फसल बाली के साथ पकने की देहलीज में खड़ी हैं। वहीं दहलन व तिलहन खेती भी पककर कटाई का कार्य चल रहा है।

Created On :   17 March 2019 3:19 PM GMT

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