MP : खुदकुशी रोकने एक लाख स्कूली बच्चों की होगी काउन्सिलिंग

To prevent suicides, school education dept will counseling children
MP : खुदकुशी रोकने एक लाख स्कूली बच्चों की होगी काउन्सिलिंग
MP : खुदकुशी रोकने एक लाख स्कूली बच्चों की होगी काउन्सिलिंग

डिजिटल डेस्क,भोपाल।  प्रदेश में आत्महत्याएं रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत एक लाख स्कूली बच्चों की काउन्सिलिंग करेगा। प्रतिवर्ष इस संख्या में क्रमिक वृध्दि की जाएगी। हाईस्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा इस गतिविधि में पढ़ाई में कमजोर एवं अवसादग्रस्त विद्यार्थियों को सम्मिलित कराया जाएगा। 

यह कदम स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों द्वारा मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या किए जाने संबंधी सामाजिक समस्या के समाधान हेतु अर्चना चिटनीस की अध्यक्षता में गठित विधानसभा समिति की रिपोर्ट में दी गई अनुशंसा के परिपालन में उठाया है। समिति की इस अनुशंसा पर कि प्रत्येक स्कूल/कालेज/कोचिंग संस्थान में पुरुष एवं महिला काउन्सलर नियमित रुप से नियुक्त हों तथा विद्यार्थियों के लिये 24 घण्टे सपोर्ट सिस्टम/हेल्प लाइन उपलब्ध हो, जिनका प्रचार-प्रसारी किया जाए, का पालन करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रत्येक निजी एवं शासकीय शाला में एक महिला एवं पुरुष शिक्षक को काउन्सलर के रुप में चिन्हित करने एवं उनके दूरभाष क्रमांक की सूचना सभी परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराने बाबात निर्देश जारी कर दिए हैं और मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा भी यूअर दोस्त डाट काम योजना प्रारंभ की गई है। 

इसके अलावा समिति की इस सिफारिश पर कि शिक्षक-अभिभावक योजना प्रभावी की जाए एवं अधिकतम 30 विद्यार्थियों हेतु एक शिक्षक अभिभावक के रुप में नियुक्त हो जो यथासंभव उस संस्था में पूरे अध्ययन काल के दौरान उसी विद्यार्थी समूह के प्रभार में हो, के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों के प्राचार्यों से कहा है कि प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को कक्षा अध्यापक के अतिरिक्त किसी अन्य शिक्षक को उस कक्षा के विद्यार्थियों का अभिभावक नियुक्त किया जाए जो समय-समय पर सभी विद्यार्थियों से अलग से उनके अध्ययन, परीक्षा में प्राप्त अंक तथा उन्हें यदि कोई समस्यायें आ रही हो तो उसके बारे में उनसे चर्चा करे। ऐसा नियुक्त शिक्षक समय-समय पर विद्यार्थी के परिवार के सदस्यों से भी सम्पर्क करे तथा विद्यार्थी के व्यवहार में यदि किसी प्रकार का परिवर्तन घर वालों को दिखता है तो उसके बारे में जानकारी लेकर उसके संबंध में विद्यार्थी की आवश्यक काउन्सिलिंग करे तथा आवश्यक्ता पड़ने पर विशिष्ट मनोविज्ञानी से उसकी सहायता भी कराए।

मप्र विधानसभा प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में गठित विधानसभा समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव, डीजीपी, उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा विभाग को क्रियान्वयन हेतु सौंप दी है तथा अब इन्हें इसका पालन करना है। समिति अपनी रिपोर्ट देने के बाद खत्म हो गई है।"
 

Created On :   9 Dec 2017 5:27 PM IST

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