ट्राइबल फूड व डांस से सैलानियों को रिझाएंगे आदिवासी कलाकार

Tribal artists will woo tourists with tribal food and dance
ट्राइबल फूड व डांस से सैलानियों को रिझाएंगे आदिवासी कलाकार
ट्राइबल फूड व डांस से सैलानियों को रिझाएंगे आदिवासी कलाकार

जिला प्रशासन तैयार कर रहा खाका, ग्रामीणों व प्रतिभाओं को मिलेगा रोजगार व लाभ
डिजिटल डेस्क उमरिया ।
आदिवासी कला व व्यंजन में पारंगत लोगों के लिए अच्छी खबर है। जिला प्रशासन ने पहली बार इन्हें प्रमोट करने का मन बनाया है। इसके लिए बांधवगढ़ से सटे मानपुर में एक वृहद आयोजन होगा। इसमें पर्यटकों के लिए फूड फेस्टिवल व ट्राइबल डांस का आयोजन किया जाएगा। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में सफारी प्रारंभ होते ही इसे क्रियान्वित किया जा सकता है। 
बीटीआर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केन्द्र है। टूर पैकेज, होटल-रिसॉर्ट आदि की आय का बड़ा हिस्सा देश-प्रदेश की बड़ी फर्म ले रही हैं। जंगल में अपनी जमीन व घर गवां चुके ग्रामीणों का बड़ा हिस्सा इस लाभ से वंचित है। जिला प्रशासन ने अब फूड फेस्टिवल कराने की योजना बनाई है। स्थानीय लोग आदिवासी कला नृत्य आदि को संलग्न कर इसे और खास बनाने में जुट गए हैं।
लुभाएगी कोदो कुटकी की खीर
कार्यक्रम में बघेली व आदिवासी परंपरा के स्थानीय लजीज व्यंजनों को शामिल किया जाएगा। स्व सहायता समूह इसका निर्माण करेंगे। इसमें कोदो कुटकी के चावल, देशी साग, मकई की रोटी, चटनी जैसे आहार शामिल रहेंगे। पकवानों में इस बात का खासा ख्याल रखा जाएगा कि ग्रामीणों की मजबूत इम्यूनिटी सिस्टम वाले भोज पदार्थों को भी प्रदर्शित किया जाए। ताकि सदियों से ग्रामीणों में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का स्त्रोत राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि पर्यटकों को आदिवासी व्यंजनों से आकर्षित किया जाए। ताकि कार्यक्रम से प्राप्त लाभ ग्रामीणों को मिले। साथ ही बड़े स्तर पर इन्हें नए अवसर मिलें। इसका खर्च प्रशासन उठाएगा।
सैला, राई व बिरहा भी शामिल हो
वाइल्ड लाइफ कंजरवेसनिष्ट पुष्पेन्द्र एन द्विवेदी भी बांधवगढ़ में स्टे होम की तर्ज पर काम करते हंै। पर्यटकों को प्रकृति की लोकल सुंदरता व उनके रहन सहन से अवगत कराते हैं। पुष्पेन्द्र के मुताबिक ऐसे आयोजन में आदिवासी नृत्य, चित्रकारी आदि की प्रदर्शिनी भी समय-समय पर होनी चाहिए। इसका सीधा लाभ उन ग्रामीणों को मिलेगा जो अभी भी बांधवगढ़ टूरिज्म से प्रभावित थे। लोग वन व जंगली जीवों के संरक्षण से जुड़ेंगे। 
इनका कहना है
बांधवगढ़ में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर देने हम फूड फेस्टिवल का मन बना रहे हैं। स्थानीय लोग आदि आदिवासी कलाकारों के कार्यक्रम आदि की मांग करेंगे तो हम विचार करेंगे।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया
 

Created On :   18 Sep 2020 1:25 PM GMT

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