- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- कटनी
- /
- शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने में...
शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने में जुटी बीस युवाओं की टोली
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही समय निकालकर चलाते हैं कक्षाएं, भविष्य की भी दिखा रहे राह
डिजिटल डेस्क कटनी । कॉलेज में अध्ययन के दौरान बनी युवाओं की टोली ने शिक्षा दान का ऐसा अलख जलाया कि इसकी रोशनी उन 103 स्कूली बच्चों तक पहुंच गई। जो आर्थिक तंगी के चलते मंहगे कोचिंग कक्षाओं में नहीं जा पाते थे। रामजानकी वार्ड में एनकेजे थाना के आगे संचालित फ्री टू फ्लाए एकेडमी में बीस युवाओं का गु्रप कक्षा पहली से लेकर कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थियों को रोजाना पढ़ाने के साथ उन्हें भविष्य के लिए गढ़ भी रहे हैं। स्कूली शिक्षा के साथ सेल्फ डिफेन्स, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के साथ आगे की भी राह बच्चों को बता रहे हैं। नवम्बर माह में आठ-दस बच्चों से शुरु की गई यह पहल तीन माह के अंतराल में ही बड़ा रुप ले ली है। तीन माह से यहां पर रविवार को छोडकऱ कक्षाएं छह दिनों संचालित हो रही हैं।
इस तरह हुई शुरुआत
कक्षाओं की शुरुआत करने वाली युवा छात्र अंकिता तिवारी बताती हैं कि इस तरह की कक्षाओं के संचालन की सोच कॉलेज में ही युवाओं के बीच बात-चीत के दौरान आई। जिसमें कई युवाओं ने कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण वे स्कूली शिक्षा में पूरी तरह से स्कूल की ही कक्षाओं पर निर्भर रहे। यह बात युवाओं के दिमाग में इस तरह से बैठी कि कोई छात्र टयूशन से वंचित न हो। जिसके लिए इन्होंने कोचिंग कक्षाएं खोलने की योजना बनाई और मेहनत कर युवाओं ने उन बच्चों और उनके माता-पिता के सपनों को धरातल में उतारा। जिनके मन में एक कसक रहती थी कि वे अपने बच्चों को अलग से ट्यूशन नहीं दिला पा रहे हैं।
एक घंटे का देते हैं समय
इसके लिए कॉलेज मेें अध्ययनरत युवा एक-एक घंटे का समय देते हैं। समय का निर्धारण इस तरह से किए हैं कि इससे उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आती। साथ ही स्कूली बच्चों को भी स्कूल की कक्षाओं से बंक नहीं मारना पड़ता। पहले सुबह आठ बजे से नौ बजे तक ही नि:शुल्क कक्षाओं का संचालन किया जाता रहा। बाद में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से इसे तीन बैच में बदल दिया गया। प्रत्येक बैच को एक नाम दिया गया। सुबह आठ बजे से नौ बजे तक एकलव्य बैच, दोपहर तीन बजे से चार बजे तक भगत सिंह और शाम चार बजे से पांच बजे तक कलाम बैच के नाम से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
मिलती है खुशी
कोचिंग कक्षाओं को कर्तव्य मानकर अध्ययन कराने वाले युवा कहते हैं कि इससे उन्हें प्रसन्नता मिलती है। जब कोचिंग में आने वाला विद्यार्थी पढ़ाई के संबंध में परेशानी बताते हुए उसका समाधान लेकर यहां से जाता है। रेशम मिश्रा, तृप्ति जैन, अमन, प्रीति पाण्डेय, शिवांगी शुक्ला, अमन, शिवम और अन्य युवाओं का कहना है कि इन्होंने शिक्षा दान जो सुन रखा था। उसका महत्व कक्षाओं में पहुंचने के बाद आ रहा है। इसके लिए तीन टीमों का गठन भी युवाओं ने कर रखा है।
Created On :   6 Jan 2020 3:05 PM IST