स्कूल वैन और बस के दो वर्ष के टैक्स हुए माफ, जिले के 750 वाहन चालकों को मिली राहत

Two years tax for school van and bus waived, relief to 750 drivers of the district
स्कूल वैन और बस के दो वर्ष के टैक्स हुए माफ, जिले के 750 वाहन चालकों को मिली राहत
वर्धा स्कूल वैन और बस के दो वर्ष के टैक्स हुए माफ, जिले के 750 वाहन चालकों को मिली राहत

डिजिटल डेस्क, वर्धा. कोरोना के संकट के कारण कई दिनों तक शालाएं बंद थीं। इस कारण स्कूल वैन व बस के मालिक आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। राज्य सरकार ने उनका दो वर्ष का कर  माफ करने का निर्णय लिया है। इसका जिले के 750 स्कूल बस व वैन मालिकों का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने कर माफ करने का निर्णय लेने के कारण स्कूल बस व वैन चालकों बड़ी राहत मिली है। कोरोना संकट के कारण स्कूल व  महाविद्यालय बंद थे। इस कारण स्कूल बस व वैन चालक आर्थिक संकट में आ गए थे। राज्य सरकार ने  1 अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक के कर में रियायत दी है। राज्य के पंजीकृत व वार्षिक कर का भुगतान  करनेवालों को 31 मार्च 2020  तक कर का भुगतान करना आवश्यक था। लेकिन कोरोना के कारण 24 मार्च 2020 से देशभर में लॉकडाउन किया गया। स्कूल व महाविद्यालय बंद थे। इस कारण स्कूल  वैन व स्कूल बस के चालक संकट में आ गए। उन्हंे राहत देने के लिए पहले 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक के कर में 50 फीसदी रियायत दी गई थी। लेकिन कोरोना की मार दूसरे वर्ष भी लगी। इस कारण स्कूल व महाविद्यालय बंद ही थे। लिहाजा शालेय  प्राधिकरण की ठेका पद्धति से केवल स्कूल के लिए  इस्तेमाल किए जानेवाली बसें व वैन  अब 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 के कर में पूरी तरहा से रियायत दी गई है। इस संदर्भ में गृह (परिवहन) विभाग के सचिव तथा सहसचिव ने आदेश जारी किए हैं।

फाइनेंस कंपनियां दे रहीं तकलीफ

राजू शिंदे, जिलाध्यक्ष, स्कूल वैन व बस चालक संगठन के मुताबिक जिले के अधिकतर स्कूल बस व वैन चालकों ने कर्ज लेकर वाहन खरीदे हैं। दो वर्ष से स्कूल व महाविद्यालय बंद होने के कारण व्यवसाय ठप हो गया था।  अभी भी पूरी तरह  से स्कूल शुरू नहीं किए गए हैं। लेकिन कुछ प्रमाण में  व्यवसाय जारी हो गया है। इस कारण बस व वैन चालकों को राहत मिली है। इसमें राज्य सरकार ने कर माफ कर नई सौगात दी है। लेकिन फाइनान्स कंपनी के प्रतिनिधि परेशान कर रहे हैं। सरकार ने उन्हंे कुछ दिन कर्ज की राशि नहीं वसूलने के आदेश देने की आवश्यकता हैं।

2 वर्ष से थे बेरोजगार

कोरोना  संकट के कारण स्कूल व महाविद्यालय पूरी तरह से बंद थे, जिसके कारण स्कूल वैन व बस के मालिकों पर भूखे रहने की नौबत आ गई थी। स्कूल व महाविद्यालय बंद हाेने के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया था। ऐसी स्थिति में परिवार का  पालनपोषण करे या कर का भुगतान करे ऐसी समस्या उनके सामने निर्माण हो गयी थी। साथ ही कुछ नए रोजगार वाहन चालक थे। कर माफ करने के कारण उन्हंे राहत मिली है।

 


 

 

Created On :   14 Feb 2022 8:04 PM IST

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