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उद्धव ने याद दिलाई धर्मनिरपेक्षता - मेरे हिंदुत्व के लिए प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं, पवार ने की मोदी से शिकायत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने राज्यपाल कोश्यारी की भूमिका को संविधान के खिलाफ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर शिकायत की है। पीएम को लिखे पत्र में पावर ने कहा कि कोरोना के कारण धार्मिक स्थल न खोले जाने पर सेक्युलर कह मुख्यमंत्री की अवहेलना करना सही है क्या? पवार ने कहा कि राज्यपाल के पत्र की भाषा से मुझे आश्चर्य हुआ है। यह पत्र मीडिया के पास भी पहुंच गया।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को याद दिलाई संविधान की धर्मनिरपेक्षता
महाराष्ट्र में मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के मुद्दे पर अबहिंदुत्व का रंग चढ़ गया है। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग के बहाने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उन्हें हिंदुत्व की याद दिलाई है। हालांकि मुख्यमंत्री को यह बात नागवार लगी और उन्होंने जवाबी पत्र में राज्यपाल को संविधान की धर्मनिरपेक्षता की याद दिला दी। दरअसल राज्यपाल ने प्रार्थना स्थल खोलने को लेकर मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि "आप कट्टर हिंदुत्ववादी हैं। मंदिर बंद रखने के लिए आपको दैवीय आदेश मिल रहा है क्या? याफिर आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं? इस शब्द से आपको नफरत थी।’ इसके जबाव में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भेजे गए पत्र में पलटवार करते हुएकहा कि मुझे मेरे हिंदुत्व के लिए आपके प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। मुझे किसी से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र और मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) कहने वालोंका हंसते-खेलते घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व के परिभाषा में नहीं बैठता है। मुख्यमंत्री का इशारा अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर था जिन्होंने मुंबई के अपने कार्यालय ढहाए जाने के बाद राज्यपाल से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि केवल धार्मिक स्थलों को खोलने का मतलब हिंदुत्व और नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है क्या?आपने जिस संविधान के नाम पर राज्यपाल पद की शपथ ली है, उसमें धर्मनिरपेक्षताअहम हिस्सा है। आपको वह धर्मनिरपेक्षता स्वीकार नहीं है क्या? मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग वाले पत्र के साथ भाजपा के पदाधिकारियों का तीन पत्र जोड़ा है। यह संयोग हो सकता है। आपके आग्रह पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार सभी प्रकार की सावधानी बरतते हुए धार्मिक स्थलों को शुरू करने के बारे में जल्द फैसला लेगी।
भाजपा का हमला
मुख्यमंत्री के इस जवाबी पत्र के बाद भाजपा सत्ताधारी शिवसेना पर टूट पड़ी। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री पर तीखे हमले किए हैं। इसके बदले में शिवसेना ने भी पलटवार किया।जबकि राकांपा और कांग्रेस भी शिवसेना के बचाव में आगे आए। हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। इससेराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच कटुता और बढ़ने की संभावना है।इससे पहले सोमवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग की थी।
हिंदुत्व हमारा प्राणः संजय राऊत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि पार्टी ने हिंदुत्व को कभी नकारा नहीं है। शिवसेना हिंदुत्व को न कभी भूला और न ही कभी भूलेगी।हिंदुत्वशिवसेना का प्राण और आत्मा है। हमें हिंदुत्व का पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है। राऊत ने कहा कि शिवसेना के हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाले आत्मनिर्भर होकर आत्म परीक्षण करें कि वे लोग हिंदुत्व का पालन कितना करते हैं ? राज्य में सरकार संविधान का पालन करते हुए चलाई जा रही है। राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ठाकरी भाषा में राज्यपाल को जो जबाव दिया है वहऐतिहासिक दस्तावेज है। मुख्यमंत्री के काम में हस्तक्षेप करने वाले राजभवन को विन्रम भाषा में कैसे जवाब दिया जाता है। इसकाआदर्श मुख्यमंत्री ने पेश किया है। राकांपा प्रदेश प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार जनभावना समझती है। इसलिए जल्द ही उचित समय पर मंदिर व सभी धार्मिक स्थलों को खोलने का फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा की भूमिका के आधार पर राज्यपाल का मुख्यमंत्री को पत्र लिखना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्यपाल संवैधानिक पद बैठे हैं। उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री को हिंदुत्व का पाठ पढ़ना पड़ेगा- शेलार
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने राज्यपाल की भूमिका का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को हिंदुत्व का पाठ पढ़ना पड़ेगा और हिंदुत्व का प्रमाणपत्र लेना पड़ेगा। शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व को छोड़ दिया है। राज्यपाल देवभूमि उत्तराखंड से आते हैं। उनसे मुख्यमंत्री को मार्गदर्शन लेना चाहिए। शेलार ने कहा कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे के विचारों से आज की शिवसेना दूर हो चुकी है।
Created On :   13 Oct 2020 8:04 PM IST