- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- उमरिया
- /
- उमरिया; भगवान बिरसा मुण्डा ने...
उमरिया; भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति और देश की आजादी के लिए प्राणो की आहूति दी - मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, उमरिया। उमरिया मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति की रक्षा और अंग्रेजो से देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणो की आहूति दी। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ शोषण, धर्मान्तरण एवं संस्कृति को बचाने के लिए निरन्तर संघर्ष किया। भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातियों के धर्मान्तरण को रोकने, पूजा-पाठ की पद्धतियों और जीवन मूल्यों, संस्कृति की रक्षा और आजादी के लिए निरंतर प्रयास किए। भगवान बिरसा मुण्डा अपनी धरती-अपना राज का अवधारणा पर निरन्तर कार्य किया, नशाखोरी जैसी समाजिक बुराईयों को समाप्त करने के लिए निरन्तर प्रयास किए। वे शोषण और अत्याचार के विरूद्ध निरन्तर लड़ते रहे। वें गद्धारो के कारण अंग्रेजो द्वारा पकड़े गए तथा 25 वर्ष की आयु में उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताडना दी गई जिसके कारण वे अल्प आयु में ही इस धरती को छोड़कर चले गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस महापुरूष ने हमारी संस्कृति की रक्षा और देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणो की आहूति दी, उनके जन्मदिवस 15 नवम्बर को मध्यप्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमे भगवान बिरसा मुण्डा के आदर्शो पर चलते हुए देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज उमरिया जिले के ग्राम पंचायत डगडौआ में आयोजित जन-जातीय गौरव सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश शासन की जन जातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, सांसद शहडोल संसदीय क्षेत्र हिमान्द्री सिंह, राज्य सभा सदस्य सम्पतिया उइके, पूर्व सांसद ज्ञान सिंह, विधायक बांधवगढ शिवनारायण सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे, विधायक जय सिंह मरावी, शरद कोल, मनीषा सिंह, कुंवर सिंह तेकाम, जिला पंचातय अध्यक्ष डिण्डौरी ज्योति धुर्वे एवं जिला पंचायत अध्यक्ष मण्डला सरस्वती सिंह , आयुक्त शहडोल संभाग नरेश पाल, एडीजी शहडोल जोन जी जनार्दन, डीआईजी पी एस उइके, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं दिलीप पाण्डेय तथा अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में वीरांगना दुर्गावती, भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, टट्या भील जैसे महानायको ने योगदान दिया। हम इन महानायको के योगदान को कभी भुला नही सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजो के विरूद्ध स्वाधीनता संग्राम में लोहा लेने वाले महाकौशल क्षेत्र के महानायको शंकर शाह और रघुनाथ शाह की स्मृति में जबलपुर में लगभग 5 करोड़ रूपये की लागत से भव्य स्मारक बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र भारत की मुख्य धारा देश की जनजातिया है। उन्होंने कहा कि जनजाति परम्पराएं एवं संस्कृति आदि कालीन है। इन्हें आक्षुण्य रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश में हमारी संस्कृति, सामाजिक समरसता को तोड़ने का प्रयास कर रहे है। लोभ, लालच, भय और प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर लोभ, लालच देकर धर्मान्तरण करने वाले असामाजिक तत्वो पर सख्त कार्यवाही की जायेगी तथा मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती में लव-जेहाद नही कामयाव होने देंगे इसके लिए कानून बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जिन वनवासियों को भूमि के पट्टे दिए गए है, उन्हें फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी वनग्राम राजस्व ग्राम बनाएं जायेंगे। ऐसे सभी ग्रामो के निवासियों को आवंटित भूमि को बेचने का अधिकार नही होगा। उन्हें सभी प्रकार के लाभ मुहैया कराएं जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनजातियों का शोषण और लूट नही होने दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि जिन अवैध साहूकारो ने जनजाति परिवारो को कर्जा दिया है और सम्पत्ति गिरवी रखी है, ऐसे सभी अवैध कर्जो को मध्यप्रदेश में माफ कर दिया गया है। ऐसे कर्जों की प्रदेश में वसूली नही की जा सकेगी। जनजातीय परिवारो से गलत तरीके से राशि की वसूली करने वालो के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल संभाग प्राकृतिक संसाधनो से परिपूर्ण संभाग है, यहॉ की धरती अमीर है। उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग में वनोपज और खनिज आधारित उद्योग लगाने के प्रयास किए जायेगें।
Created On :   26 Nov 2020 3:19 PM IST