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उमरिया में बनेंगी दो फोरलेन सड़क, 13 करोड़ की लागत से होगा 5 सड़कों का उन्नयन
डजिटल डेस्क उमरिया । जिले की आवागमन सुविधा का सुदृढ़ीकरण करने और उसकी पहुंच बढ़ाने के लिए 5 करोड़ 35 लाख रुपए के लागत की तीन ग्रामीण सड़कों तथा 8 करोड़ रुपए के लागत की दो शहरी सड़कों का उन्नयन किया जा रहा है। शहर की यह दोनों सड़कें 4 लेन बनेगी। बताया गया कि वर्तमान में बढ़ते यातायात दबाव तथा वाहनों की अधिकतम आवाजाही को देखते हुए नई आवश्यकताओं के अनुरूप सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। दूर दराज स्थित ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आज भी सीधी सड़क सुविधाओं का अभाव है। इनके अलावा नालों की भरमार होने के कारण बरसात में आवाजाही भी प्रभावित होती है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण के साथ पुलियों का निर्माण भी प्रस्तावित है। सड़कों के निर्माण से 30 से भी अधिक गांव लाभान्वित होंगे और करीब 25 हजार ग्रामीणों को बारहो महीने आवाजाही की सुविधा मिल जाएगी। इन गांवों की सड़कों के लिए लगातार ग्रामीणों द्वारा माग की जा रही थी और सांसद ज्ञान सिंह ने भी शासन से पत्राचार किया था।
इन ग्रामीण सड़कों का होगा निर्माण
जिन ग्रामीण सड़कोंं का निर्माण और उन्नयन किया जाना है उसमें पहली सड़क ग्राम सहजनारा से बरौदा करीब 4 किलोमीटर लंबी सड़क है जिसकी लागत 1 करोड़ 91 लाख रुपए है। दूसरी सड़क सीतापाल से मझौली करीब 2 करोड़ 9 लाख रुपए की लगभग 3.2 किलोमीटर लंबी है। तीसरी निपनियां से साल्वे टोला 1 करोड़ 26 लाख रुपए की 3 किमी लंबी सड़क है। इनमें से एक सड़क नई और दो ऐसी हैं कि जिन पर वर्षों पूर्व मनरेगा से कच्ची सड़क बनवा दी गई थी, लेकिन वह आधे से अधिक उखड़ कर आवाजाही योग्य नहीं रह गई है। मजबूरी में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर ऐसी सड़कों से आवाजाही कर रहे हैं। इन सभी सड़कों पर मजबूती के लिए मानक के अनुरूप 50 सेमी का अर्थवर्क किया जाएगा इसके बाद सीआरएम बड़ी गिट्टी का कार्य किया जाएगा। यह सड़कें पटरी समेत औसतन साढ़े 7 मीटर चौड़ाई की होंगी।
शहर में दो सड़कें फोर लेन बनेगी
शहरी आवागमन को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने दो सीमावर्ती सड़कों को 4 फोर लेन में उन्नयन कर उनकी भार वहन क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसमें घघरी नाका से न्यू बस स्टैण्ड 18 सौ मीटर लंबी सड़क लागत 4 करोड़ तथा एनएच 78 से ज्युडीशियरी कालोनी पीडब्लूडी आफिस तक 4 करोड़ की लागत से 14 सौ मीटर लंबी सड़क है। इनकी पटरी तक कुल चौड़ाई 15 मीटर से भी अधिक रहेगी ताकि इनमें दोनो ओर के भारी वाहन तथा शहर के छोटे वाहन सरलता से आवाजाही कर सकें। वर्तमान में इन सड़कों पर वाहनों की भारी भीड़ रहती है और अक्सर जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी होते है इसलिए सड़कों का उन्नयन अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है।
एक दर्जन पुलियों का निर्माण भी
ग्रामीण सड़कों के निर्माण के साथ मार्ग में आने वाले नालों पर पुलियों का निर्माण कराया जाएगा और आवागमन को बारहो महीनें जारी रखा जाएगा। बरसात मेंं नालों पर जल्दी बाढ़ आ जाने से ग्रामीणों की आवाजाही अवरुद्ध हो जाती है। उन्हे फिर कोसों दूर घूम फिर कर मुख्यालय अथवा नजदीकी बाजार या अस्पताल आना पड़ता है। इससे लगभग 30 गांव लाभान्वित होंगे। मनरेगा में निर्मित ढर्रे रखरखाव बिना धीरे-धीरे दम तोड़ चुके हैं। इसके अलावा रास्ते तो बनाए गए थे लेकिन पुलियों का निर्माण नहीं कराया गया था। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां के लोग सूखे मौसम में नालों के अंदर से घुसकर आवाजाही करते हैं।
इनका कहना है
आवागमन की सुविधा बढ़ाने के लिए जिले में सड़कों की उपलब्धता होनी बहुत आवश्यक है साथ ही नई आवश्यकताओं के अनुरूप सड़कों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। इनमें तीन ग्रामीण सड़कों का टेण्डर भी हो चुका है।
(माल सिंह , कलेक्टर उमरिया)
Created On :   12 May 2018 2:07 PM IST