यूरिया की किल्लत - बाजार में एक बोरी के लिए 600 रुपये दे रहे किसान

Urea scarcity - farmers paying Rs 600 for a sack in the market
यूरिया की किल्लत - बाजार में एक बोरी के लिए 600 रुपये दे रहे किसान
यूरिया की किल्लत - बाजार में एक बोरी के लिए 600 रुपये दे रहे किसान

जिले के तीस समितियों से निराश होकर लौट रहे किसान, दुकानदार वसूल रहे मनमाने दाम
डिजिटल डेस्क उमरियापान कटनी ।
जिले में यूरिया की उपलब्धता का दावा जमीनी स्तर पर खोखला ही साबित हुआ। 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोवाई किसान कर चुके हैं तो यूरिया का संकट उत्पन्न हो गया है। यह स्थिति उमरियापान, ढीमरखेड़ा, बहोरीबंद क्षेत्र के साथ अन्य जगहों पर बनी हुई है। इसके बावजूद अफसर बाजार के दम पर ऑल इज वेल का रॉग अलाप रहे हैं। बाजार में यूरिया तो है, लेकिन समितियों में यूरिया नहीं होने से दुकानदार अब एक बोरी यूरिया, जिंक के लिए 600 रुपए तक वसूल रहे हैं। अच्छी उपज की चाहत में अन्नदाता लूट रहे हैं और अफसर तमाशबीन की भूमिका में दुकानदारों को लूटने की छूट दे रखे हैं। किसानों का कहना है कि यदि इसी तरह का संकट बना रहा तो किसानों को अपनी जमा पूंजी यूरिया की कालाबाजारी में ही खर्च करनी पड़ेगी। जब तक समितियों में यूरिया पहुंचेगी। तब तक अधिकांश किसान मंहगी यूरिया का खेतों में छिडक़ाव कर चुके होंगे।
सात दिन से लगा रहे चक्कर
उमरियापान निवासी किसान सुनील उपाध्याय, रामचरण, सुखदेव पटैल, अनंतराम, विनीत चौरसिया ने बताया कि वे समिति में पिछले सात दिन से यूरिया लेने पहुंच रहे हैं। वहां पर टाल-मटोल रवैया अपनाया जा रहा है। आसपास के समितियों में भी यूरिया लेने पहुंचे तो वहां से निराशा ही हाथ लगी। क्षेत्र और जिला मुख्यालय के बाजार में किसान छह सौ रुपए बोरी लेकर यूरिया आए। दुकानदारों से यूरिया का बिल मांगा तो उन्होंने बिल नहीं दिया।
समितियों में कम सप्लाई
विपणन संघ ने शुरुआती दौर से ही समितियों को यूरिया सप्लाई में रुचि नहीं दिखाई। जिले में यूरिया के कई रैक जरुर आए, लेकिन अधिक से अधिक नगदी के चक्कर में यूरिया को बाजार में बेच दिया गया। इसका भरपूर फायदा दुकानदारों ने भी उठाया। एक सप्ताह पहले तक जिले के 56 समितियों में करीब 3500 मीट्रिक टन यूरिया की ही सप्लाई हुई थी। इसमें भी 3000 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका था। 13 अगस्त से बारिश का दौर जारी हुआ तो यूरिया की मांग एकाएक बढ़ गई। जिसके बाद समितियों ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि यूरिया का स्टॉक खत्म हो गया है।
समीक्षा बैठक से राहत नहीं
अन्नदाताओं की परेशानी को देखते हुए करीब तीन दिन पहले कलेक्टर शशिभूषण सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक मेें अधिकारियों ने यह दावा किया था कि जिले में यूरिया और अन्य खाद की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। जबकि उमरियापान क्षेत्र में यूरिया की किल्लत पिछले एक पखवाड़े से बनी हुई थी। इसके बावजूद समितियों में यूरिया की उपलब्धता और अनुलब्धता पर किसी तरह की चर्चा नहीं हुई।
इनका कहना है
जिले के  करीब तीस समितियों में यूरिया नहीं है। इस संबंध में विपणन संघ से मांग की गई है। अधिकारियों का कहना है कि रैक आने के बाद ही समितियों को यूरिया दिया जाएगा।
- ए.पी. पाठक, प्रबंधक, जिला सहकारी बैंक कटनी
 

Created On :   24 Aug 2020 6:38 PM IST

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