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अब राजनैतिक दलों के पते की जांच करेंगे जिला कलेक्टर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग ने कुछ राज्यों के विधानसभा, लोकसभा और अन्य चुनावों के पहले गठित होने वाले नए राजनैतिक पार्टियों पर नकेल कस दी है। अब ऐसे नए पार्टियों के पंजीकरण के पहले जिला कलेक्टरों से इन पार्टियों के कार्यालय का वेरिफिकेशन कराया जाएगा और उनकी एनओसी मिलने के बाद ही पार्टी का पंजीकरण होगा।
भारत चुनाव आयोग के इस नए प्रावधान का पालन करने के लिए मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों के कलेक्टरों जोकि जिला निर्वाचन अधिकारी भी होते हैं, हिदायत जारी कर दी है। हिदायत में साफ तौर पर कहा गया है कि भविष्य में निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी राजनैतिक पार्टी के पंजीयन के पूर्व उनके द्वारा दिए गए कार्यालय के पते के संबंध में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी से वेरिफिकेशन कराया जाएगा। आयोग द्वारा किया गया वेरिफिकेशन जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 30 दिन के अंदर प्रेषित करना होगा।
भारत चुनाव आयोग द्वारा मप्र के चीफ इलेक्ट्रोल आफिसर को भेजे गए निर्देश में बताया गया है कि राजनैतिक पार्टी के पंजीकरण हेतु पार्टी के आवेदन के साथ के साथ आयोग को विभिन्न दस्तावेज और ब्यौरे भेजना अपेक्षित रहता है। स्थानीय निकाय, नगरपालिका, नगर निगम आदि से अनापत्ति प्रमाण-पत्र जमा कराना ऐसा ही एक दस्तावेज है। इसकी आवश्यकता यह सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भवन/परिसर में राजनैतिक पार्टी का कार्यालय, जिसका उल्लेख पार्टी कार्यालय के रुप में किया गया है, स्थापित करने के लिए स्थानीय प्राधिकरणों के नियमों और विनियमों के अधीन या किसी विधि के अधीन कोई मनाही नहीं है।
कुछ हिस्सों में नगर पालिका निकायों ने पार्टी को सूचित किया है कि उनके पास ऐसे अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसीलिए इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आवेदक पार्टी के पते की उचित छानबीन करने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है कि भविष्य में जिला निर्वाचन अधिकारी पार्टी के पते का वेरिफिकेशन करेंगे और तीस दिन के अंदर अनापत्ति प्रमाण-पत्र भेजेंगे।
Created On :   27 Sept 2017 7:15 PM IST