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हरे-भरे पेड़ काटने का ग्रामीणों ने किया विरोध
डिजिटल डेस्क, बाकल/ कटनी। बहोरीबंद तहसील की ग्राम पंचायत केवलरहा के पोषक ग्राम कछारगांव में निजी जमीन पर लगे आम के हरे-भरे पेड़ काटने से ग्रामीण बौखला उठे। बड़ी संख्या ग्रामीणों ने बगीचा पहुंचकर विरोध जताते हुए ठूंठ एवं पेड़ों को घेर कर खड़ें हो गए। बताया गया है कि राजस्व प्रशासन ने सूखे पेड़ काटने की अनुमति दी है लेकिन मौके पर हरे-भरे पेड़ काटे जाने की जानकारी लगने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत फोन पर राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों से की एवं पेड़ नहीं काटने का आग्रह किया। देर शाम मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक पहुंचे, जिन्हे ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि अपनी जान देकर पेड़ों को बचाएंगे। पेड़ बचाने के लिए गांव की महिलाएं, बुजुर्ग और युवक भी एकजुट हो गए।
रात में होती है कटाई
कछारगांव के जगदीश सिंह ठाकुर, महीप सिंह, विष्णु दाऊ ने बताया कि नदी किनारे निजी जमीन पर आम के लगभग 50 पेड़ लगे हैं। पहले यह जमीन शासकीय थी और गांव के बुजुर्गों ने यहां आम का बगीचा लगाया था। बाद में इस जमीन का पट्टा दे दिया गया। भूमि स्वामी ने पेड़ काटने का काम किसी ठेकेदार को दे दिया। ठेकेदार द्वारा रात में पेड़ों की कटाई की जाती है और रात में ही वाहन में लकड़ियां लोड करके ले जाता है।
वन विभाग की एनओसी पर राजस्व ने दी अनुमति
बताया गया है कि पेड़ काटने के लिए वन विभाग ने अनापत्ति दी गई और इस एनओसी के आधार पर राजस्व विभाग ने पेड़ काटने की अनुमति जारी कर दी। नियमानुसार सूखे एवं खोखले पेड़ काटने की ही अनुमति दी जाती है लेकिन यहां अफसरों ने हरे-भरे पेड़ काटने का खेल कर दिया।
इनका कहना है
वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर आवेदक को निजी जमीन पर लगे पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है। ग्रामीणों के विरोध की जानकारी मिलने पर राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को मौके पर भेजा गया है। वन विभाग को भी स्पाट निरीक्षण करके प्रतिवेदन देने कहा है।
Created On :   28 May 2019 2:46 PM IST