गहराया जल संकट,  नगर पालिका की व्यवस्था फेल - सायकिल से ढो रहे पानी

Water crisis deepens, municipal system fails - water carrying from cycle
गहराया जल संकट,  नगर पालिका की व्यवस्था फेल - सायकिल से ढो रहे पानी
गहराया जल संकट,  नगर पालिका की व्यवस्था फेल - सायकिल से ढो रहे पानी

डिजिटल डेस्क उमरिया । मई में धूप का प्रचण्ड बढ़ते ही जल स्त्रोत हांफने लगे हैं। शहर की पेयजल सप्लाई आए दिन लडखड़़ा रही है। आधा दर्जन वार्डों में जल स्तर नीचे खिसक चुका है। लिहाजा लोग हैंडपंप व नलों से जल परिवहन कर रहे हैं। उमरार नदी का जल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है। नगर पालिका को उमरार बांध के सहारे घरों में पानी सप्लाई कर रही है। 
   बता दें कि शहर में पेयजल सप्लाई के लिए एकमात्र ओवरहेड टंकी (20 हजार ली.) एमपीईबी कार्यालय के पीछे है। वहीं पर फिल्टर हाउस में जल शोधन के बाद इसे घरों में सप्लाई किया जाता है। वर्तमान में बिजली गुल होने से पानी की सप्लाई नियमित नहीं पहुंच पा रही। वहीं फिल्टर हाउस की एक मोटर भी फुंक गई है जिससे दिक्कत हो रही है। दो दिन पहले नगर के गांधी चौक से पुराना पड़ाव, खलेसर वार्ड आठ, नौ क्षेत्र में दोपहर 12 बजे की बजाए दो बजे पानी मिल पाया। यही स्थिति कई बार रात में होती है। लोगों को आधी रात तक पानी का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में हैंडपंप महत्वपूर्ण साबित होते हैं लेकिन शहर में जल स्तर नीचे खिसकने के चलते ये भी हवा फेंकने लगे हैं। विकटगंज, ज्वालामुखी, जेलबिल्डिंग में कई पंप सुधार के इंतजार में हैं।
नहीं बिछी पाइपलाइन 
शहर में विकटगंज, ज्वालामुखी, रमपुरी, लोहारगंज जैसी आधा दर्जन बस्तियां हैं। यहां की दो हजार से अधिक आबादी को नगर पालिका की सप्लाई नहीं हो पाती है। कारण सालों पहले पाइप का बिछाव हुआ था। विस्तार केवल उन्हीं वार्डों में हुआ जहां रसूखदारों के घर थे। आदिवासी व गरीबों के आवासों में भी आज भी पानी नहीं पहुंच पाया है। हैंडपंप या सड़क किनारे स्टैंड पोस्ट नल से घंटों इंतजार के बाद पानी मिलता है। इन क्षेत्रों में मार्च महीने के साथ ही टैंकरों से पानी सप्लाई होता है। हालांकि इस बार मई माह आधा हो चुका है अभी तक गिनती के वार्ड में ही पानी जा रहा है।
सुबह से लगने लगीं कतारें 
गर्मी का असर हर साल की भांति कुछ बस्तियों के पेयजल पर ज्यादा दिख रहा है। नगर पालिका अंतर्गत विकटगंज, छटन, सरईयाटोला, जमुनिहा, लोहारगंज, घंघरी, मोहनपुरी, जेल बिल्डिंग, भंगहा, खलेसर, ज्वालामुखी बस्ती में पानी के लिए लोगों की कतारें लगना आरंभ हो चुकी है। लालपुर, नगमाटोला, सरईयाटोला बस्ती निवासी महिला प्यारी बाई, सुनीता कोल, पूजा बाई ने बताया बस्ती के लोग हैंडपंप के सहारे प्यास बुझाते हैं। निस्तार के लिए नदी का पानी उपयोग करते हैं। वह काफी नीचे जा चुका है। हैंडपंप ठीक से न चलने के कारण दूसरी बस्ती से पानी ढोना पड़ रहा है।
उमरिया जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित
जिला प्रशासन ने आगामी समय में जल संकट को भांपते हुए जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है। अब नवीन हैण्डपंप, ट्यूबवेल उत्खनन तथा स्टापडेम, चेकडेम, नदी तालाब आदि का पानी आगामी आदेश तक सिंचाई प्रयोजन के लिए प्रतिबंधित रहेगा। जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा पारित आदेश में नवीन निजी हैण्डपंप, नल कूप खनन पर आगामी आदेश तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी तरह सतही स्रोतों जैसे स्टाप डेम, चेक डेम, नदी, तालाब आदि के पानी को सिंचाई के नहीं उपयोग किया जा सकेगा। ताकि जल स्तर नीचे जाने से पेयजल की स्थिति प्रभावित नहीं हो।
इनका कहना है
शहर में पानी सप्लाई दुरुस्त करने टैंकरों का सहारा लेते हैं। अभी कम डिमांड आ रही है। कई बार बिजली की आपूर्ति नियमित न मिलने से काम प्रभावित होता है। जल्द ही मुख्यमंत्री पेयजल योजना चालू करेंगे। लोगों को 24 घंटे के लिए पानी मिल पाएगा। 
शशिकपूर गढ़पाले, सीएमओ उमरिया
 

Created On :   18 May 2020 3:58 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story