जमीनों के लोकेशन की गलत जानकारियां की गड़बड़ी आई सामने, रकम की होगी वसूली

Wrong information about the location of the land came to the fore, the amount will be recovered
जमीनों के लोकेशन की गलत जानकारियां की गड़बड़ी आई सामने, रकम की होगी वसूली
शहडोल जमीनों के लोकेशन की गलत जानकारियां की गड़बड़ी आई सामने, रकम की होगी वसूली

डिजिटल डेस्क शहडोल जिले में जमीनों की खरीदी-बिक्री के दौरान शासन के हिस्से में जमा होने वाले राजस्व को नुकसान पहुंचाने में भी कुछ लोग सक्रिय हैं। जमीनों की लोकेशन सहित वह अनिवार्य जानकारियां रजिस्ट्री के वक्त छिपाई जा रही हैं, जो शासन को राजस्व वृद्धि में सहायक होते हैं। उप पंजीयक कार्यालय सोहागपुर द्वारा ही बीते आठ महीनों में ४२ ऐसे प्रकरणों का खुलासा किया जा चुका है, जिनमें ३५ लाख ९२ हजार ३१७ रुपए से अधिक की कर चोरी पकड़ी जा चुकी है। अब यह राशि पक्षकारों से शासन के खातों में जमा कराई जाएगी।
गौरतलब है कि जमीनों के दाम उसकी उपयोगिता एवं लोकेशन के अनुसार तय किए जाते हैं। यदि कोई भूमि नेशनल हाइवे से लगी हुईं तो उनके दाम मौजूदा दर से दो गुना अधिक जबकि स्टेट हाइवे की भूमियों के दाम डेढ़ गुना बढ़ जाते हैं। वहीं महत्वपूर्ण लोकेशनों के आधार पर भी जमीनों के दाम होते है। इसी अनुपात में स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क अदा किए जाने होते हैं। लेकिन जो प्रकरण सामने आए हैं उनमें इन सबकी जानकारी छिपाने का प्रयास किया गया, ताकि स्टाम्प ड्यूटी के साथ पंजीयन शुल्क कम जमा करना पड़े। ऐसे में शासन को राजस्व की हानि होती है।
ऐसे पकड़ाई कर चोरी
जमीनों का सौदा तय हो जाने के बाद रजिस्ट्री की अंतिम प्रक्रिया उप पंजीयक के सामने कराई जाती है। इस दौरान संलग्न दस्तावेजों की पड़ताल उप पंजीयक करते हैं। दोनों पक्षों के साथ गवाहों से दस्तावेजों की सत्यता की बारीकी से पूछताछ की जाती है। जो प्रकरण कर चोरी के सामने आए उनमें इसी परीक्षण के दौरान पकड़े गए। इसके बाद उन रजिस्ट्रियों को तब तक के लिए रोक ली गई, जब तक कर चोरी की राशि पक्षकार जमा नहीं कर देते।
ऐसे मामलों की तस्दीक मुश्किल
दस्तावेजों के परीक्षण की प्रक्रिया में भी सीमाएं हैं। जिनके नाम पर दस्तावेज हैं, परीक्षण के दौरान वही उपस्थित हो रहे हैं अथवा दूसरों को खड़ा कर दिया गया, इसको पहचानना मुश्किल होता है। कई बार ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जिनमें फर्जी दस्तावेजों का निर्माण का दूसरों को खड़ा करके रजिस्ट्रियां करा ली गईं। परीक्षण के दौरान दस्तावतों की ही पड़ताल होती है। रजिस्ट्री का कार्य पंजीयन विभाग के संपदा पोर्टल पर होता है। इस पोर्टल को अपगे्रट कर संपदा-२ से कार्य शुरु हुआ है। जानकारों के अनुसार यदि इस साफ्टवेयर में राजस्व रिकार्डों एवं भू स्वामियों के आधार लिंक कर दिए जाएं तो बहुत हद तक फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्रियां कराने का कारोबार बंद हो सकता है।
इधर लक्ष्य से अधिक की राजस्व प्राप्ति
उप पंजीयक कार्यालय सोहागपुर द्वारा लक्ष्य से अधिक की राजस्व प्राप्ति कर ली गई है। इस कार्यालय से सोहागपुर के अलावा जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी क्षेत्र की जमीनों की रजिस्ट्रियां कराई जाती हैं। चालू वित्तीय वर्ष अपै्रल से अब तक २७.६० करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा चुका है, जबकि इस अवधि के लिए रखे गए २६.१४ करोड़ के लक्ष्य से ३.२९ प्रतिशत अधिक रहा। यह राजस्व ५४२१ दस्तावेजों से प्राप्त हुआ है। विक्रय पत्र, दान-पत्र, एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटार्नी, वसीयत, लीज आदि के दस्तावतों से राजस्व मिलता है। राजस्व में बढ़ोतरी एसईसीएल द्वारा कराए गए लीज से भी हुई, जिसके द्वारा २ करोड़ ७२ लाख ३६ हजार ६५० रुपए रहा। जो अब तक की सबसे अधिक रहा। दिसंबर महीने में २७.३८ प्रतिशत अधिक राजस्व मिला। इस माह ५.६३ करोड़ राजस्व मिला, जबकि गत वर्ष दिसंबर महीने में ४.४२ करोड़ की आय प्राप्त हुई थी।
इनका कहना है
पंजीयन के दौरान संलग्न दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल में कर चोरी के मामले सामने आए हैं। जिनकी वसूली के बाद ही रजिस्ट्रियां मान्य की जाएंगी। राजस्व वसूली बेहतर है। इस वित्तीय वर्ष ४४ करोड़ का लक्ष्य है, आशा है इससे अधिक राजस्व प्राप्त हो जाएगा।
जयसिंह सिकरवार
उप पंजीयक सोहागपुर

Created On :   12 Jan 2022 6:27 PM IST

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